
कुछ पार्षदों में इस बात का रोष है कि उन्हें दो-दो पास दिए जा रहे हैं, क्योंकि पिछले साल तक हर पार्षद को 5-5 गाड़ियों के पार्किंग पास निशुल्क दिए जाते थे। पहले सबको पार्किंग पास के नाम पर वाहन में लगाने के लिए स्टीकर दिए जाते थे। वहीं अब आर्य इंफ्रा कंपनी की ओर से स्मार्ट कार्ड दिए जा रहे हैं। प्रवेश द्वार पर जाने पर कार्ड की एंट्री होने पर वाहन अंदर दाखिल होगा। यहां तक कि पहले वीरता अवार्ड प्राप्त करने वालों को भी निशुल्क पार्किंग पास दिया जाता था लेकिन अब उस पर भी पाबंदी लगा दी थी। इसके साथ ही पहले मान्यता प्राप्त सभी पत्रकारों को हर साल निशुल्क पार्किंग पास दिए जाते थे अब उस पर पाबंदी लगा दी गई है।
ये सभी लिए गए निर्णय भी वित्त एवं अनुबंध कमेटी पास कर चुकी है। भाजपा पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि पूर्व सांसद और पूर्व पार्षदों को जो हर साल निशुल्क पार्किंग पास मिलते थे वे मिलने चाहिए। इन नेताओं ने शहर की सेवा की है। ऐसे में उनके सम्मान में उन्हें पार्किंग पास मिलने चाहिए।
अनुबंध कमेटी में लिया जा चुका है फैसला : बबला
वित्त एवं अनुबंध कमेटी के सदस्य अरुण सूद का कहना है कि उनके सामने ऐसा कोई प्रस्ताव पास नहीं हुआ है। फिर भी अगर ऐसा हुआ है तो फिर से विचार किया जाएगा। कमेटी के अन्य सदस्य दवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि यह फैसला अनुबंध कमेटी में लिया जा चुका है सभी भाजपा सदस्य की सहमति के बाद ही पूर्व सांसद, पूर्व मंत्रियों और पूर्व पार्षदों को मिलने वाले पार्किंग पास पर पाबंदी लगी है। बैठक में मेयर आशा जसवाल भी मौजूद थीं।
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