हिमाचल प्रदेश में नई व्यवस्था के साथ चुनाव कराने की तैयारी में जुटे निर्वाचन आयोग ने नामांकन प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव किया है। पिछले चुनावों से इतर इस बार नामांकन पत्र जमा करते समय प्रत्याशी को अपनी आय, आय का स्रोत बताने के साथ पत्नी की आय का स्रोत बताना जरूरी होगा।
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यह वह पेच है, जो कई प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा सकता है। वहीं, आयोग ने पहली बार मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी के साथ सोशल मीडिया अकाउंट की भी जानकारी मांगी है। प्रत्याशी को बताना होगा कि सोशल मीडिया के किस प्लेटफार्म पर उसका किस नाम से अकाउंट है।
इसके अलावा उसे संयुक्त प्रॉपर्टी, संयुक्त बैंक खाते के अलावा विभिन्न तरह के टैक्स के बकाया की भी जानकारी देनी होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने बताया कि समय के साथ नामांकन पत्र में बदलाव किए गए हैं। कहा कि अब पत्र के साथ एक अतिरिक्त एफिडेविट देना होगा।
इसमें प्रत्याशी को बताना होगा कि पिछले दस साल के दौरान उसके पास कोई सरकारी घर था या नहीं। अगर था तो उसे बताना होगा कि उसके ऊपर उक्त भवन के बिजली, पानी या टेलीफोन का कोई भी बकाया नहीं है। खास बात यह है कि इस एफिडेविट के साथ प्रत्याशी को संबंधित एजेंसी का नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी देना होगा।
इससे एक नाम के कई प्रत्याशी होने की स्थिति में मतदाता अपने प्रत्याशी को फोटो से पहचानकर मत दे सकेगी। यह व्यवस्था हिमाचल चुनावों में पहली बार होगी। नामांकन के एक दिन पहले तक हर हाल में प्रत्याशी को नया बैंक खाता खोलकर उसकी जानकारी नामांकन पत्र में देनी होगी।
खाली रहा कॉलम तो निरस्त हो जाएगा नामांकन
नामांकन पत्र के किसी भी कॉलम को प्रत्याशी खाली नहीं छोड़ सकेंगे। पूछी गई जानकारी अगर नहीं है तो प्रत्याशी को वहां पर निल लिखना होगा। अन्यथा पत्र को अधूरा माना जाएगा।
वहीं, ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में रहने की जानकारी, उस पद से बर्खास्त होने, किसी अन्य देश के प्रति झुकाव या 2 या 2 साल से ज्यादा सजा होने की जानकारी देनी होगी।
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