कलेक्ट्रेट के भू अध्याप्ति विभाग के लेखा लिपिक को एंटी करप्शन टीम ने सोमवार दोपहर को कलेक्ट्रेट गेट पर दबोचा। लिपिक पर पचास हजार रुपये घूस लेने का आरोप है। वह खुद के विभाग से रिटायर प्रधान लिपिक से बकाया देयकों के भुगतान के एवज में पचास हजार रुपये मांग कर रहे थे। अभी-अभी हुआ बड़ा खुलासा: पाक नागरिक इदरीश की रिहाई फंसी, 2013 में हुआ था गिरफ्तार
टीम ने कमलापुर थाने में केस दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। लखनऊ के कृष्णानगर थाना इलाके के रामदास खेड़ अली नगर सुनहरा निवासी राम किशुन सीतापुर के कलेक्ट्रेट स्थित भू अध्याप्ति विभाग में प्रधान लिपिक के पद पर तैनात थे। बीते 31 मई 2014 को इस पद से रिटायर हुए थे। सेवानिवृत्त होने पर उन्हें जीपीएफ तो मिल गया था।
पर उनके अन्य देयक बकाया थे। आरोप है कि बकाया देयकों के भुगतान के एवज में विभाग के लेखा लिपिक गंगा राम द्वारा रिटायर कर्मचारी राम किशुन से पचास हजार रुपये की मांग की जा रही थी। इस पर रिटायर कर्मी राम किशुन ने एंटी करप्शन विभाग को इसकी शिकायत की थी।
सोमवार को एंटी करप्शन लखनऊ की टीम ने सीतापुर शहर पहुंची। बताते हैं कि रिटायर कर्मी राम किशुन पहले भू अध्याप्ति विभाग पहुंचा और वहां पर उसने लिपिक गंगा राम से बातचीत की। बाद में उसे चाय पिलाने के बहाने बहाकर ले गया।
कलेक्ट्रेट गेट पर पहले ही सिविल ड्रेस में खड़े एंटी करप्शन की टीम के निरीक्षक सुंदर सिंह सोंलकी, एके बुद्घप्रिय, श्याम चंद्र त्रिपाठी, जगदीश तिवारी, सतीश द्विवेदी, डीपी मिश्रा, संतोष द्विवेदी व रवि प्रकाश शुक्ला ने लेखा लिपिक गंगा राम को दबोच लिया और उसे अपने साथ गाड़ी में बिठाकर चली गई।
किसी को भी इसकी कानों कान भनक तक नहीं लगी। बाद में साथी को पकड़े जाने की खबर पाकर कर्मचारियों ने दूरभाष पर संपर्क साधा तो पता चला कि उसे कमलापुर थाने में बिठाया गया है और वहीं पर उस पर घूस लेने का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।