संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म पद्मावती का विरोध राजस्थान में रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी कई हिन्दू संगठनों द्वारा यहां रैली निकाली गई।
फिल्म पद्मावती के विरोध में आज राजस्थान के भीलवाड़ा में सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने विरोध स्वरूप रैली निकाली। रैली में कई हिन्दू संगठनों से जुड़े पदाधिकारी भी शामिल हुए। सभी ने एकस्वर में फिल्म को राजस्थान में रिलीज नहीं होने देने की चेतावनी दी। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली के विरोध में नारेबाजी की और कई जगह फिल्म के पोस्टर भी फाड़े। यहां सिंटी कंट्रोल रूम से निकाली गई विरोध रैली कलक्ट्री पहुंची और कलक्टर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रधानमंत्री से फिल्म पर रोक लगाने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि फिल्म के कई दृश्यों को लेकर राजस्थान के राजपूत समाज ने विरोध जताया है। समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि किसी भी सूरत में इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इससे पहले चित्तौड़गढ़ में भी फिल्म पर रोक लगाने की मांग को लेकर बाजार बंद रखे गए थे और जुलूस निकाला गया था।
गृहमंत्री कर चुके हैं अपना रुख साफ
इससे पहले कल उदयपुर प्रवास पर आए गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने फिल्म ‘पद्मावती’ के रिलीज को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। कटारिया ने साफ किया कि जो भी कानून व्यवस्था के खिलाफ जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई करना उनका अधिकार है।
कटारिया ने कहा कि ‘पद्मावती’ फिल्म में अगर कुछ गलत दिखाया गया है तो उसमें सुधार किया जाए। उन्होंने ये भी कहा कि कुछ लोग सिर्फ यह समझ रह है कि केवल वे ही रानी पद्मावती के हितैषी हैं तो यह गलत है। रानी पद्मावती सिर्फ किसी जाति विशेष की नहीं होकर पूरे देश का प्रतीक है। ऐसे में फिल्म ‘पद्मावती’ में पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए और अगर फिल्म में कोई ऐसा अंश है तो उसमें भी सुधार कर लेना चाहिए।