हाल में केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ने कुछ दिनों पहले बीफखाने को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने विदेशी पर्यटकों को सलाह दी थी कि अगर आप भारत आ रहे हैं तो अपने देश में बीफ खाकर आएं, लेकिन इस बार उन्होंने अपने ही बयान पर यू टर्न मारा है।
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एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने खाने पीने पर केंद्र सरकार के रुख का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह बात साफ-साफ कह चुकी है कि हर व्यक्ति स्वतंत्र है, उसे जो खाना है खा सकता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी भी ये बात कई बार कह चुकी है।
अल्फोंस ने बताया कि केंद्र सरकार यह कभी तय नहीं करेगी कौन क्या खाए और क्या नहीं। इन विषयों पर हम पहले भी कई बार बात कर चुके हैं। हालांकि कई बार केंद्रीय मीडिया कुछ बयानों को गलत समझ बैठती है, लेकिन यह महज एक गलतफहमी होती है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर कोई अपनी पसंद का खाना खाने को आजाद है, किसी क्या खाना है ये राज्य खुद तय करें।
उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर इस बात को दोहराता हूं कि केंद्र सरकार यह तय नहीं करेगी कि कौन क्या खाएगा, ये राज्य और वहां के लोग तय करेंगे। गौरतलब है कि 8 सितंबर को एक सवाल के जवाब ने अल्फोंस ने कहा था कि विदेशी पर्यटक अपने देश में बीफ खा सकते हैं, तो भारत आने से पहले वे वहीं गोमांस खाकर आएं।
साथ ही इस मौके पर उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर के बीफ खाने के बयान का समर्थन किया था। अल्फोंस ने कहा था कि केरल के लोग बीफ खा सकते हैं।
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