यूं तो अक्सर पाकिस्तान भारत पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने का आरोप लगाता है और कश्मीर को लेकर स्वयं हस्तक्षेप करता है। जिसे लेकर भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और अन्य नेता अपना बयान देकर उसकी निंदा करते हैं मगर कुछ नौकरशाह ऐसे भी होते हैं, जो कि पाकिस्तान को उसका जवाब देते हैं। ऐसे ही ब्यूरोक्रेट्स में जानी गई हैं इनम गंभीर। दरअसल सितंबर 2017 में यूनाईटेड नेशंस की 72 वीं असेंबली की बैठक में जब भारत के खिलाफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने भारत पर आरोप लगाए और कश्मीर के लिए अलग से राजदूत नियुक्त करने की आवश्यकता बताई।
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उसके जवाब में, इनम गंभीर ने बेबाकी दिखाई। इनम गंभीर यूएन में स्थायी मिशन की दूत हैं। उनका कहना था कि पाकिस्तान स्वयं बीते तीन दशकों से आतंकियों का पनाहगार है। उनका कहना था कि जब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान में हाफिज सईद जैसे आतंकी रहा करते हैं फिर भी वह हम पर ही आरोप लगाता है। उल्लेखनीय है कि वे वर्ष 2005 में भारतीय विदेश सेवा में चयनित हुई थीं।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक उपाधि प्राप्त की है। इनम ने यूनिवर्सिटी आॅफ जिनेवा से भी स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। उनकी पोस्टिंग स्पेन के मैड्रिड में हुई थी। वे दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, अर्जेंटीना में भी रह चुकी हैं। वे भारतीय विदेश मंत्रालय में अफगानिस्तान, ईराक और पाकिस्तान में भी नियुक्त हुई हैं।
आतंकवाद को लेकर उन्होंने यूएन में कहा कि जिस तक्षशिला की भूमि पर विदेशों से लोग अध्ययन करने आया करते थे वह आतंकवाद का गढ़ है। पाकिस्तान ने स्वयं को आतंकवाद का केंद्र बनाया हुआ है। उनका कहना था कि कश्मीर में मारे गए आतंकी बुरहान वानी को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शहीद बता दिया।
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