प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु, रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष आत्म आस्थानंद जी महाराज का सोमवार को अस्पताल निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बड़ा खुलासा : भारत पाकिस्तान मैच फिक्स था सभी खिलाड़ियो को दी गई थी मोटी
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बता दें कि उनके नेतृत्व में भारत, नेपाल और बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान उन्होंने बड़े राहत अभियान चलाए गए थे. उनकी उम्र 98 साल थी. उम्र की वजह से वो बीमार रहते थे. फरवरी 2015 से ही उनका इलाज चल रहा था. रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ ने एक बयान में कहा कि अच्छा इलाज होने के बावजूद उनकी स्थिति पिछले कुछ सालों ठीक नहीं हो रही थी. बीमारी के चलते उनका रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान अस्पताल में शाम में साढे पांच बजे निधन हो गया.
स्रोत के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार मंगलवार रात साढ़े नौ बजे बेलूर मठ में किया जाएगा. बेलूर मठ के द्वार उनके अंतिम संस्कार पूरा होने तक खुले रहेंगे.
पीएम ने ट्विट कर जताया शोक
पीएम ने उनके निधन पर शोक जताया. उन्होंने ट्विट करके बताया कि इससे उन्हें व्यक्तिगत नुकसान हुआ. मैं मेरी जिंदगी के सबसे महत्पूर्ण समय में उनके साथ रहा. बता दें कि पीएम मोदी अपनी युवावस्था में संन्यासी बनने के लिए बेलूर मठ गए थे. वहां. उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था. उनसे कहा गया था कि उनकी जरूरत दूसरी जगह हैं. बाद में उन्हें राजकोट, गुजरात में स्वामी आत्म आस्थानंद का आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिला. बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी स्वामीजी के निधन पर शोक जताया है.
स्वामी आत्म आस्थानंद बुद्धिमत्ता के धनी
पीएम मोदी ने स्वामी जी के लिए ट्वीट में लिखा स्वामी आत्म आस्थानंद जी अतुलनीय ज्ञान और बुद्धिमत्ता से धनी थे. आने वाली पीढि़यां उन्हें उनके अनुकरणीय व्यक्तित्व के लिए याद रखेंगी. उन्होंने कहा कि जब भी वह कभी कोलकाता जाऊंगा, तो वहां से बिना स्वामी जी का आशीर्वाद लिए नहीं लौटूंगा. इसके अलावा पीएम ने स्वामी जी के कार्यों को लेकर भी एक ट्वीट किया.
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