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पीएम के छह दिन के विदेश दौरे की शुरुआत जर्मनी से होगी। वह जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल से भारत-जर्मनी अंतरसरकारी परामर्श (आईजीसी) के तहत वार्ता करेंगे। मोदी जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टाइनमायर से भी मुलाकात करेंगे।
जर्मनी को मूल्यवान सहयोगी बताते हुए पीएम ने कहा कि जर्मनी की दक्षता भारत के ट्रांसफार्मेशन के उनके विजन के साथ सटीक बैठती है। व्यापार और निवेश को आगे बढ़ाने के लिए बर्लिन में मोदी व मर्केल दोनों देशों के बिजनेस दिग्गजों से भी मिलेंगे।
अपनी पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, मुझे भरोसा है कि इस यात्रा से जर्मनी के साथ हमारे द्विपक्षीय सहयोग में एक नया अध्याय शुरू होगा और हमारी रणनीतिक भागीदारी और प्रगाढ़ होगी।
इसमें आर्थिक क्षेत्र और साझा चिंताओं वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करना शामिल है। वह स्पेनिश उद्योग के प्रमुख अधिकारियों से भी मिलेंगे और उन्हें ‘मेक इन इंडिया’ पहल में सहयोगी बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
दो जून को मोदी और पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करेंगे। इसमें भारत अतिथि देश है।
अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मोदी दो जून को फ्रांस जाएंगे। वह यहां नव निर्वाचित राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। मोदी ने कहा कि फ्रांस हमारे महत्वपूर्ण सामरिक सहयोगियों में से एक है।
मुझे राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात का इंतजार है। मोदी ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और भारत की स्थायी सदस्यता, विभिन्न बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत की सदस्यता, आतंकवाद रोधी अभियान में सहयोग, जलवायु परिवर्तन और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन पर विचारों का आदान-प्रदान होगा।