पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और बीसीसीआई के पैनल में शामिल अन्य कमेंटेटर को एफिडेविट देना होगा. इस शपथपत्र में उन्हें बताना होगा कि लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के अनुरूप किसी तरह का ‘हितों का टकराव’ नहीं है.
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बीसीसीआई अपने लिस्टेड कमेंटेटरों के लिए चार नामों पर सहमत है. ये हैं सुनील गावस्कर, संजय मांजरेकर, मुरली कार्तिक और हर्षा भोगले. इनमें से हर्षा भोगले की 2016 में विश्व टी20 के पहले से बीसीसीआई से ठन गई थी और इस तरह से वह एक साल से अधिक समय बाद वापसी करेंगे.
बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर इन चारों के नाम की घोषणा नहीं की क्योंकि सीओए सदस्य डायना एडुल्जी ने कहा कि ‘हितों के टकराव’ से जुड़े सभी मसलों पर भी गौर किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने नामों पर चर्चा की लेकिन इन पर अंतिम फैसला नहीं किया गया. हमें हितों के टकराव के नियम को अच्छी तरह से समझने की जरूरत है.
डायना ने कहा, हम अब भी नहीं जानते कि किसके क्या हित हैं. लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी नामों पर सहमति बन गई है, लेकिन चारों लिस्टेड कमेंटेटरों को एफिडेविट पर हस्ताक्षर करने होंगे. उन्हें यह घोषित करना होगा कि उनका खिलाड़ियों के प्रबंधन से जुड़ी किसी फर्म से कोई रिश्ता नहीं है.
बीसीसीआई एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, बीसीसीआई किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहता है. लोढ़ा सुधारों में स्पष्ट लिखा है कि बीसीसीआई से जुड़े किसी भी व्यक्ति का किसी भी तरह का हितों का टकराव नहीं होना चाहिए. हमें याद होना चाहिए कि सीओए के पूर्व सदस्य रामचंद्र गुहा ने अपने त्यागपत्र में गावस्कर की प्रोफेशनल मैनेजमेंट ग्रुप में भागीदारी का मसला उठाया था.
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