
योगी सरकार आई तो उसने अपनी पहली प्राथमिकता में किसानों की कर्जमाफी को शामिल किया। इसके चलते एरियर के भुगतान में देरी हो रही है।
दूसरी ओर जीएसटी की वजह से राज्य सरकार को राजस्व भी कम आ रहा है। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में एरियर भुगतान की गुंजाइश नहीं बन पा रही है। लिहाजा सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 से भुगतान का फैसला किया है। हालांकि यह तय होना बाकी है कि अगले वित्त वर्ष में सरकार किस महीने में एरियर का भुगतान करेगी।
सरकार अब राजकीय कर्मचारियों, राजकीय शिक्षकों तथा सहायताप्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, नगरीय स्थानीय निकायों के कार्मिकों व पेंशनरों को एक जनवरी से 31 दिसंबर 2016 तक के बकाया एरियर के पहले 50 प्रतिशत हिस्से का भुगतान वित्तीय वर्ष 2018-19 (एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच) और दूसरी किस्त का भुगतान 2019-20 (एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच) में करेगी।
बता दें, तत्कालीन अखिलेश सरकार ने सातवें वेतनमान का एरियर की पहली किस्त का भुगतान 2017-18 व दूसरी किस्त का भुगतान 2018-19 में करना तय किया गया था। साथ ही यह भी तय किया था कि दोनों वित्त वर्ष में एरियर की किस्त का भुगतान माह अक्तूबर के पहले नहीं किया जाएगा।
राज्य कर्मचारी–8.5 लाख
शिक्षक–5.5 लाख
शिक्षणेतर कर्मचारी–1.0 लाख
पेंशनर–11 लाख
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