नई दिल्ली- धावक प्रियंका पवार को हैदराबाद में इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन करने का दोषी पाया गया था. जब उनका डोप टेस्ट किया गया तो वे उसमे फेल हो गई. 28 जून को हैदराबाद इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप खेली गई थी तभी से प्रियंका पर अस्थायी प्रतिबंध लगा हुआ था. लेकिन अब उनके डोप टेस्ट में फेल हो जाने के कारण 8 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रियंका इससे पहले 2011 में भी डोप टेस्ट में असफल रही थीं. दो साल के प्रतिबंध के बाद वह 2013 में वापस आई थीं. उन्हें राष्ट्रीय शिविर में भी जगह मिली थी और इंचोन में खेले गए एशियाई खेलों में भी शामिल किया गया था.
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गौरतलब है कि प्रियंका पवार ने 2014 के एशियाई खेलो में महिला रिले का गोल्ड मेडल जीता था. इसके बाद रियो ओलम्पिक -2106 में चार गुणा 400 मीटर रिले में उनका सिलेक्शन हुआ था लेकिन बाद में उनको टीम से बाहर कर दिया था. उनके स्थान पर अश्विनी अकुंजी को टीम में मौका मिला था. एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने प्रियंका के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए यह निर्णय लिया है.
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के नियम है कि कोई भी खिलाड़ी यदि दो बार डोपिंग टेस्ट में पकड़ा जाता है तो उनके सारे पदक जो उन्होंने राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीते है, उन्हें जब्त कर लिया जाता है और उन पर आठ साल से लेकर आजीवन प्रतिबन्ध भी लगाया जा सकता है.
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