लोहिया ट्रस्ट की बैठक में मीडिया से मुखातिब होते हुए सपा संस्थापक मुलायम सिंह का दर्द छलक उठा।
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सोमवार को आयोजित बैठक में एक सवाल के जवाब में अखिलेश पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो बात का पक्का नहीं है, वो जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता।
अखिलेश ने तीन महीने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए कहा था। उन्होंने बाप को धोखा दिया है।
नई पार्टी के गठन को लेकर लगाई जा रही सभी अटकलों पर मुलायम ने विराम लगा दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि अखिलेश के साथ मेरा आशीर्वाद हमेशा है, लेकिन उनके फैसलों से मैं सहमत नहीं हूं।
शिवपाल सिंह यादव ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। सूत्रों के मुताबिक नई पार्टी के गठन पर बात न बनने के चलते शिवपाल ने बैठक का बहिष्कार किया है।
केंद्र की बीजेपी सरकार पर बोलते हुए मुलायम ने कहा कि सरकार ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रही। निचले तबकों को राहत की व्यवस्था की जानी चाहिए।
बीएचयू में छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था पर भी मुलायम ने सरकार को घेरा। योगी सरकार द्वारा की गई किसानों की ऋणमाफी को मुलायम ने खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने सिर्फ फसली ऋण माफ किया है, जबकि किसानों का एक लाख रुपए तक का ऋण माफ होना चाहिए था।
युवाओं और शिक्षामित्रों के हालात पर भी मुलायम ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जो समाजवादी विचारधारा के लोग हैं वो सपा से जुड़ें। पार्टी के नेतृत्व के सवाल पर वह कुछ भी साफ कहने से बचते रहे।
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