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मामले को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के इशारे पर अबू सलेम और उसके गुर्गों ने अंजाम दिया था। ये पहला आतंकवादी हमला था जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, इसे आज तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला भी माना जाता है।
मुख्य आरोपी अबू सलेम और मुस्तफा डोसा जेल में हैं जबकि मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम अभी पुलिस और जांच एजेंसियों की पकड़ से दूर है। आइए एक बार डालते हैं सबसे बड़े आतंकवादी हमले पर एक निगाह, कैसे आजमगढ़ में मोटर मैकेनिक की दुकान करने वाले अबू सलेम और उसके गैंग ने एक झटके में ही पूरी मुंबई को दहला दिया था।
दूसरा धमाकाः कलबा देवी में 2.15 बजे, 5 की मौत
तीसरा धमाकाः शिवसेना भवन के निकट पेट्रोल पंप पर 2.30 बजे, 4 की मौत
चौथा धमाकाः एयर इंडिया बिल्डिंग में 2.33 बजे, 20 की मौत
पांचवा धमाकाः फिशमैन कालोनी 2.45 बजे, 3 की मौत
छठा धमाकाः वर्ली बाजार 2.45 बजे 113 की मौत
सातवां धमाकाः झावेरी बाजार 3 बजे, 17 की मौत
आठवां धमाकाः होटल सी रॉक 3.10 बजे, कोई हताहत नहीं
नौंवा धमाकाः प्लाजा सिनेमा दादर 3.15 बजे, 10 की मौत
दसवां धमाकाः होटल जुहू सेंटर 3.20 बजे, कोई हताहत नहीं
11वां धमाकाः शहर एयरपोर्ट 3.30 बजे —-
12वां धमाकाः होटल एयरपोर्ट सेंटूर 3.40 बजे, दो की मौत
मुंबई बम धमाकों की खास बात ये थी कि ये पहली बार था जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी आतंकवादी हमले में खतरनाक विस्फोटक RDX का इस्तेमाल किया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान कहा था कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार इतने विस्तृत रूप में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। 28 करोड़ की संपति का हुआ था नुकसान
मुंबई में हुए 12 सिलसिलेवार बम धमाकों में उस समय कुल 28 करोड़ की संपति का नुकसान हुआ था। अगर आज की कीमत में इसका हिसाब लगाया जाए तो यह 500 करोड़ से ज्यादा बैठता है।
किसने रची साजिश, कौन कौन था शामिल
शुरूआती जांच के बाद मुंबई पुलिस ने इन धमाकों का आरोप अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके परिवार पर लगाया। बाद में सीबीआई जांच में भी इसकी पुष्टि हुई की दाऊद इब्राहिम ने अपने गुर्गों की बदौलत मुंबई हमलों को अंजाम दिया। मेमन परिवार को भी धमाकों का दोषी माना गया। इसी मामले में याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को फांसी दे दी गई। इसके अलावा कई लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं अबू सलेम को साल 2005 में पुर्तगाल में अभिनेत्री मोनिका बेदी के साथ गिरफ्तार किया गया। बाद में उसे प्रत्यर्पण करके भारत लाया गया। धमाके में दोषी करार दिए गए मुस्तफा डोसा को साल 2004 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था।
क्यों किए गए थे ये हमले
हमलों के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ था कि अचानक इस तरह से किए गए सिलसिलेवार बम धमाकों के पीछे क्या मकसद है। पुलिस ने बाद में अपनी जांच में पाया कि दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस और उसके बाद देश के कई हिस्सों में हुए दंगों का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था।
वारदात में आया संजय दत्त का नाम, काटनी पड़ी 5 साल जेल
मुंबई बम धमाके के गुनहगारों की तलाश में लगी पुलिस उस समय हैरत में रह गई जब अभिनेता संजय दत्त का कनेक्शन भी इन बम धमाकों से मिला। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी अबू सलेम ने संजय दत्त को एके 56 रायफल दी थी। संजय दत्त ने अपनी सफाई में कहा था कि बम धमाकों के बाद वह काफी डर गए थे और अपनी सुरक्षा के लिए रायफल मंगाई थी। बाद में टाडा कोर्ट ने संजय दत्त को अवैध हथियार रखने के जुर्म में 5 साल कैद की सजा सुनाई थी।