पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने महाराष्ट्र के दिवंगत शेर बाल ठाकरे से हाथ मिलाकर जिस शिवसेना को भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल किया था। अब वह लगातार महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर खिलाफ हमला बोले हुए हैं। ठाकरे की पार्टी की इन बयानबाजियों से भाजपा और शिवसेना के बीच पड़ी दरार किसी से छुपी नहीं है। यहां तक कि शिवसेना ने केंद्र की सत्ता पर बैठी राजग गठबंधन से नाता तक तोड़ लिया है। अब पीएम मोदी ने इस दरार को पाटने के लिए आखिरी कदम बढाया है।
पीएम मोदी ने शिवसेना से रिश्ते सुधारने के लिए बढ़ाया कदम
खबरों के मुताबिक पीएम मोदी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को डिनर का न्यौता दिया है। माना जा रहा है कि मोदी और ठाकरे की यह मुलाक़ात शिवसेन और भाजपा के आगे के रिश्तों को कायम रखने की आखिरी कोशिश है। वहीं शिवसेना के एक नेता का कहना है कि इस बैठक में देश के अगले राष्ट्रपति के नाम पर भी मुहर लग सकती है। हांलाकि इस मुलाक़ात के बाद यह साफ़ हो जाएगा कि क्या शिवसेना वाकई राजग से अलग हो जायेगी या फिर वह अपना आगे का राजनीतिक सफ़र राजग के साथ ही तय करेगी। बताया जा रहा है कि यह डिनर 29 मार्च को आयोजित किया जा सकता है।
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