अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. वैश्विक वित्तीय फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा है दिसंबर तिमाही में जीडीपी की रफ्तार 7 फीसदी रह सकती है. फर्म ने उम्मीद जताई है कि इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में तेजी आने की संभावना है.फर्म की तरफ से यह उम्मीद तीसरी तिमाही के आंकड़े आने से पहले जताई गई है.
इस महीने की आखिरी तारीख (28 फरवरी) को तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने हैं. जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही थी. जून तिमाही में यह 5.7 फीसदी के स्तर पर थी.
मॉर्गन स्टेनली ने भारत की जीडीपी को लेकर यह अनुमान अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में लगाया है. इसमें बताया गया है कि इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है. इसकी बदौलत इन सेक्टर में ग्रोथ की रफ्तार बढ़ सकती है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी आशंका जताई गई है कि एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ रेट घट सकती है.
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी इस रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि दिसंबर 2017 की तिमाही में इकोनॉमिक रिकवरी रफ्तार पकड़ेगी. इस दौरान सालाना आधार पर जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी तक पहुंच सकती है. यह सितंबर तिमाही के दौरान 6.3 फीसदी से ज्यादा रहेगी. इसके अलावा फर्म ने कहा है कि GVA के आधार पर दिसंबर तिमाही में वृद्धि दर सालाना आधार पर 6.7 फीसदी तक पहुंच सकती है.
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ले सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में देश में महंगाई बढ़ने का खतरा है. इसकी वजह से आरबीआईअनुमानित समय से पहले ही ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ले सकता है.