सरकारी वाहनों में लाल-नीली बत्ती का इस्तेमाल भले ही बंद हो गया हो, लेकिन अफसरों ने इसका तोड़ निकाल लिया है। अब प्रदेश के अफसर बत्ती के बजाय वाहन में पदनाम की प्लेट लगाएंगे। राज्य सरकार इसके लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली में संशोधन करने जा रही है। फिलहाल इस बात पर मंथन चल रहा है कि किन-किन अफसरों को वाहनों में नेम प्लेट लगाने का अधिकार दिया जाए।अब इन SC के जस्टिस के नाम से अमेरिकी शहर में मनाया जाएगा दिन……
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने सभी मंत्रियों व अफसरों के सरकारी वाहनों से लाल-नीली बत्ती हटा दी है। अब केवल पुलिस को ही बत्ती लगाने का अधिकार है। ऐसे में प्रदेश शासन में बैठे अफसरों के साथ ही जिलों में फील्ड में काम करने वाले अफसरों ने लाल-नीली बत्ती का तोड़ निकालते हुए वाहनों में नेम प्लेट लगाने की इजाजत मांगी है। सरकार ने इस पर सहमति जता दी है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली में बदलाव करके अफसरों को नेम प्लेट लगाने का अधिकार दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने इसका विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे कैबिनेट में लाने की तैयारी है। इसके तहत नेम प्लेट लगाने का अधिकार कानून-व्यवस्था से जुड़े अफसरों के साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट व शासन में बैठे बड़े अफसरों को दिया जाएगा।
हाईकोर्ट के निर्देश का दे रहे हवाला
परिवहन विभाग के अफसरों की दलील है हाईकोर्ट ने वाहनों में नेम प्लेट लगाकर इसका दुरुपयोग किए जाने पर नाराजगी जताते हुए इसके लिए नियमावली बनाने के निर्देश दिए थे। इसी नियमावली में सरकार यह व्यवस्था करेगी कि कौन-कौन अफसर अपने वाहनों में पदनाम की प्लेट लगा सकता है।
मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, राजस्व परिषद के सचिव, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, डीएम, एडीएम, एसएसपी, एसडीएम, जिला जज से लेकर अपर जिला जज तक।
एन्फोर्समेंट से जुड़े विभाग भी लगा सकेंगे नेम प्लेट
एन्फोर्समेंट से जुड़े विभागों खासकर वन, आबकारी, वाणिज्यकर, परिवहन आदि की टीम को भी नेम प्लेट लगाने की छूट दी जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इन अफसरों को फील्ड में काम करने में कोई दिक्कत न हो।