लखनऊ : अनपढ़ लोगों के फर्जी दस्तावेज बनवा कर उनका पासपोर्ट बनवाने वाले एक गैंग को 27 मार्च गिरफ्तार करने के बाद यूपी एटीएस ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पासपोर्ट दफ्तर में सहायक पासपोर्ट अधिकारी सुधाकर रस्तोगी को गिरफ्तार किया। उन पर फर्जी ढंग से पासपोर्ट बनवाने गैंग के साथ शामिल होने का आरोप है।

एटीएस के आईजी असीम अरूण ने बताया कि कुछ देश जैसे हैं जहां पर नौकरी के लिए पढ़े-लिखे लोगों को एमीग्रेशन चेक की जरूरत नहीं पड़ी है। वहीं अनपढ़ लोगों को इन देशों में नौकरी के लिए एमीगे्रश चेक की आवश्यकता होती है। इसी एमीग्रेशन चेक से बचने के लिए अक्सर अनपढ़ लोग पासपोर्ट दलालों की मदद से फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाकर वह पासपोर्ट हासिल कर लेते हैं, जो पासपोर्ट शिक्षित लोगों को जारी किया जाता है। इस गोरखधंधे के बारे में यूपी एटीएस को कुछ अहम जानकारी मिली थी। इन सूचनाओं पर यूपी एटीएस ने काम करना शुरू किया तो पता चला कि लखनऊ पासपोर्ट दफ्तर के कुछ कर्मचारी रुपये लेकर दलालों की मदद से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
इस मामले में यूपी एटीएस ने 27 मार्च को छापेमारी करते हुए 6 जालसाजों चौक निवासी मोहम्मद मारुफ, कैसरबाग निवासी मोहम्मद फैसल, अमीनाबाद निवासी मोहम्मद जावेद, अमीनाबाद निवासी अरमान खान, एलडीए कालोनी निवासी कुलविंदर सिंह और हुसैनगंज निवासी मोहम्मद शोएब को गिरफ्तार किया। एटीएस ने उनके पास से 73 लोगों के पासपोर्ट, लैपटाप, कम्प्यूटर, प्रिंटर व भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद किये। इस बारे में यूपी एटीएस के आईजी असीम अरूण का कहना है कि इस मामले में पासपोर्ट दफ्तर के कुछ कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मिली थी। इसी क्रम में छानबीन के दौरान पासपोर्ट दफ्तर में तैनात सहायक पसपोर्ट अधिकारी ऐशबाग निवासी सुधाकर रस्तोगी की संलिप्ता पायी गयी।
इन देशों में एमीग्रेशन चेक की पड़ती है आवश्यकता
अनपढ़ लोगों को नौकरी के लिए जाने के लिए ब्रूनेई, कुवैत, जार्डन, लिबया, ओमान, कतर, सऊदी अरब, यूएअई और अन्य कुछ देश हंै जहां एमीग्रेशन चेक की जरूरत पड़ती है। वहीं शिक्षित लोगों के पासपोर्ट पर एमीगे्रशन चेक की जरुरत नहीं पड़ती है। इसी एमीग्रेशन चेक से बचने के लिए दलाल अनपढ़ लोगों की हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट बनाकर वह पासपोर्ट बनाकर दे देते हैं जिसने एमीग्रेशन चेक नाट रिक्वायर्ड होता है।
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