यूपी के युवकों का फिल्म प्रोडक्शन केक्षेत्र में काम करने का सपना जल्द पूरा होने वाला है। इसके लिए उप्र कौशल विकास मिशन ने पहल शुरू कर दी है। इसकेतहत फिल्म निर्माण क्षेत्र में काम करने के इच्छुक युवकों को इससे संबंधित विभिन्न विधाओं की ट्रेनिंग प्रदेश में ही दिलाई जाएगी।अब केंद्र सरकार घोषित करेंगी ‘खिचड़ी’ को राष्ट्रीय भोजन…
मिशन ने ट्रेनिंग दिलाने के लिए पार्टनर के तौर पर पूना व मुंबई की तीन संस्थाओं से अनुबंध करने की तैयारी भी कर ली है। फिल्म प्रोडक्शन के क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाओं और यूपी में मैनपावर की उपलब्धता को देखते हुए कौशल विकास मिशन ने इस क्षेत्र में युवकों को ट्रेनिंग दिलाने का फैसला किया है।
पहले चरण में करीब 2000 युवकों को फिल्म निर्माण से जुड़ी विभिन्न विधाओं की ट्रेनिंग दिलाने का लक्ष्य है। इसकेलिए चयनित युवकों को फिल्म प्रोडक्शन से संबंधित छह कोर्सों की ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी कोर्स में 190 घंटे से लेकर 550 घंटे तक की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।
विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि ट्रेनिंग देने के लिए चयनित कंपनियों से एमओयू कराने को लेकर सभी बिंदुओं पर चर्चा हो चुकी है। जल्द ही कंपनी के प्रतिनिधि लखनऊ आएंगे। तभी विभागीय मंत्री की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर की औपचारिकता पूरी की जाएगी। ये कंपनियां प्रदेश में लखनऊ समेत कुछ अन्य शहरों में ट्रेनिंग सेंटर खोलेंगी।
ट्रेनिंग पूरा कराने के बाद ट्रेंड युवकों में से 70 प्रतिशत का प्लेसमेंट ट्रेनिंग देने वाली कंपनी को ही कराना होगा। इसमें से 35 प्रतिशत युवकों को किसी न किसी संस्थान या प्रोडक्शन हाउस में अनिवार्य रूप से स्थायी नौकरी दिलानी होगी। जबकि, शेष 35 प्रतिशत युवकों को सेल्फ इंपलायमेंट के तौर पर रोजगार मुहैया कराने का प्रावधान किया गया है।
इन कोर्सों में दी जाएगी ट्रेनिंग
असिस्टेंट वीडियो एडिटर, डिजिटल कैमरा फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, डिजिटल ऑडियो रिकॉर्डिंग, लाइटिंग असिस्टेंट व मॉस कम्युनिकेशन।