यूपी विधानसभा में एक्सप्लोसिव पाए जाने की घटना पर सीएम योगी ने गहरी चिंता व्यक्त की और सुरक्षा के लिए उपाय सुझाए। शुक्रवार को घटना के बाद उन्होंने विधानसभा में कहा, सदन में विधायक, मार्शल, विधानसभा के कर्मी को छोड़कर कोई और नहीं आ सकता। इसके बावजूद विस्फोटक मिला। सवाल ये है कि वे कौन लोग हैं जो विस्फोटक लेकर आए। इसका पर्दाफाश होना चाहिए। क्या जनप्रतिनिधियों को विशेष प्रावधान के नाम पर सुरक्षा की छूट दे देंगे?आज CM महबूबा मुफ्ती करेंगी दिल्ली के होम मिनिस्टर से मुलाकात, अमरनाथ हमले पर हो सकती है चर्चा…
क्या किसी एक को छूट दी जा सकती है कि वह विधानसभा व विधानपरिषद के 503 सदस्यों की सुरक्षा की चुनौती खड़ी करे?
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। इस पर रोक लगनी चाहिए। हम बाहर की सुरक्षा पर चिंतित थे, चर्चा कर रहे थे। तब सदन के भीतर की यह स्थिति और गंभीर हो जाती है। यह 22 करोड़ लोगों की भावनाओं, सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए प्रकरण की एनआईए से जांच होनी चाहिए और चुनौती देने वालों को सामने लाना चाहिए। सुरक्षा के कड़े निर्देश जारी होने चाहिए। किसी को खुश करने के लिए, किसी की तुष्टि के लिए जनप्रतिनिधि, कर्मचारियों की सुरक्षा से छूट नहीं दी जा सकती।
सीएम योगी ने ये दिए सुझाव
2. विधायक फोन लेकर सदन में न आएं। सदन में फोन गंभीरता को भंग करता है।
3. बाहर सिस्टम में बैग रखने, फोन रखने की व्यवस्था हो।
4. विधायक पारदर्शी फाइल में नोटबुक लेकर आएं।
5. मौजूदा सुरक्षा तंत्र में समन्वय का अभाव है। इसे दुरुस्त किया जाए।
त्रिस्तरीय सुरक्षा लेकिन समन्वय नहीं
मुख्यमंत्री ने खामियों की चर्चा करते हुए कहा कि विधानभवन की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है। सचिवालय की अलग सुरक्षा है। विधानभवन के बाहर अलग सुरक्षा है। विधानभवन के भीतर मार्शल की जिम्मेदारी। इनमें समन्वय का पूरी तरह अभाव है। एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालना चाहते हैं। सुरक्षा में सेंध की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। योगी इस घटना से इतना क्षुब्ध थे कि उन्होंने इसके लिए निंदा प्रस्ताव भी पारित करने की भी मांग की।
1. विधानभवन के सभी गेटों पर पीएसी की क्यूआरटी की ड्यूटी होगी।
2. विधानभवन के छह संवेदनशील पॉइंट पर होल बॉडी स्कैनर व बैगेज स्कैनर लगेगा।
3. विधायकों की गाड़ी लोकभवन व विधानभवन की पार्किंग में खड़ी होगी।
4. सभी विधायकों के एक वाहन के अलावा सभी वाहन पास निरस्त।
5. विधायकों के वाहन चालकों के पास बनेंगे। इसे विधायक प्रमाणित करेंगे।
6. विधानभवन सचिवालय में विधायक के साथ वे लोग ही आ सकेंगे जिनके पास होंगे।
7. पूर्व एमएलए व अन्य लोगों के सभी वाहन पास निरस्त कर दिए गए हैं।
8. एटीएस को विधान भवन में औपचारिक रूप से आने की अनुमति होगी।
9. सचिवालय व विधानभवन के सभी कर्मियों का वेरिफिकेशन होगा।