उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों में स्वतंत्रता सेनानी, पुरस्कृत शिक्षक व लोकतंत्र रक्षक सेनानी की तर्ज पर लगभग 74 लाख बुजुर्ग महिलाएं (60 साल से ऊपर) भी अब निशुल्क सफर करेंगी। निगम के निदेशक मंडल ने सात सितंबर की बैठक में इस प्रस्ताव को सशर्त मंजूरी दे दी है।
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प्रदेश में बुजुर्ग महिलाओं को रोडवेज बसों में मुफ्त बस सफर की सुविधा मुहैया कराने के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने 26 जुलाई को मुख्य सचिव राजीव कुमार को पत्र भेजा था। इसके बाद मुख्य सचिव के आदेश पर परिवहन निगम ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार करके सात सितंबर को निदेशक मंडल की बैठक में रखा।
निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को इस शर्त के साथ मंजूरी दी कि बुजुर्ग महिलाओं के किराये की प्रतिपूर्ति भी उसी तरह की जाए जिस तरह मान्यता प्राप्त पत्रकार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और दिव्यांग जनो के मामले में होती है।
अभी साधारण बसों में सुविधा
बुजुर्ग महिलाओं को फिलहाल परिवहन निगम की करीब नौ हजार साधारण सेवा की बसों में निशुल्क सफर की सुविधा दी जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग यदि इन्हें एसी, वॉल्वो, स्कैनिया, शताब्दी व जनरथ में सफर की अनुमति देता है तो उन बसों में भी सुविधा मिलेगी।
परिचय पत्र बनेंगे
बुजुर्ग महिलाओं को मुफ्त सफर के लिए परिचय पत्र बनवाना होगा। इसके लिए सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के नेतृत्व में डिपो पर शिविर का आयोजन होगा। इसमें उम्र एवं पता का साक्ष्य और फोटो लेकर परिचय पत्र बनाया जाएगा। इसे देखकर ही कंडक्टर बुजुर्ग महिलाओं को फ्री में सफर कराएंगे।
राज्य सरकार को चुकानी होगी प्रतिपूर्ति
फैक्ट फाइल
आयु वर्ग–महिला आबादी
60-64–27,36,420
65-69–18,81,497
70-74–12,97,276
75-79– 6,11,015
80+–8,76,563
(आंकड़ों का स्रोत जनगणना 2011)
रोजाना बस में सफर करने वाले यात्री–15 लाख
सालाना फ्री सफर करने वाले यात्री
दिव्यांग–8 लाख
लोकतंत्र सेनानी–6 हजार
मान्यताप्राप्त पत्रकार–2500
पुरस्कृत शिक्षक–900
स्वतंत्रता सेनानी–500
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