उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के मदरसों को तगड़ा झटका दिया है. सरकार ने राज्य के 46 मदरसों को मिलने वाली अनुदान राशि पर रोक लगा दी है. डीआईओएस की रिपोर्ट के बाद यह रोक लगाई गई है. इन मदरसों के खिलाफ मानकों के हिसाब से काम नहीं करने की शिकायत मिली थी.बड़ी खबर: ब्रिटेन में डॉन दाउद की करोड़ों की सम्पत्ति जब्त की गयी!
उत्तर प्रदेश 560 मदरसों को अनुदान राशि देती है. इस अनुदान राशि में शिक्षकों की सैलरी और रख रखाव का खर्च शामिल होता है. इस संबंध में मिली शिकायत के मुताबिक इन मदरसों में सैलरी तो कम दी जाती है, लेकिन हस्ताक्षर ज्यादा पर करवाया जाता है यानी रिकॉर्ड में जितनी सैलरी दी जाती है, उससे ज्यादा दिखाई जाती है.
इतना ही नहीं, इन मदरसों पर पढ़ाई लिखाई सिर्फ कागजों में ही दिखाए जाने का आरोप है. आरोप है कि इन मदरसों में पढ़ाई लिखाई नहीं होती है, बल्कि कागजों में दिखाया जाता है. इससे पहले योगी सरकार ने आदेश जारी कर सूबे के सभी मदरसों को हिंदी में मदरसे का नाम, खुलने और बंद होने का वक्त समेत तमाम जानकारियां लिखनी होंगी.
इस पर यूपी सरकार के मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने कहा था कि ये आदेश इसलिए दिया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जान सकें कि आखिरकार इस मदरसे का नाम क्या है? साथ ही ये भी लोग जान सकें कि यहां किस तरह की पढ़ाई होती है. मदरसों के खुलने और बंद होने का वक्त भी अब बोर्ड पर लिखना होगा.