अभी अभी आ रही टाइम्स नाउ के खबर के मुताबिक बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार विकास के नाम पर पीएम नरेंद्र मोदी का साथ देते हुए भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
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कहा जा रहा है कि जदयू के कई वरिष्ठ नेता राजद के साथ हुए गठबंधन से खुश नहीं है। इन लोगों का आरोप है कि राजद और कांग्रेस के कारण बिहार में विकास कार्य बाधित हो रहा है। ताजा बयानों पर अगर ध्यान दे तो जदयू नेता आलोक वर्मा ने तो इतना तक कह दिया कि अधिकांश मत्री पद कांग्रेस और राजद के नेताओं के पास है। इसके बावजूद हमें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
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हालांकि इस बात का अभी तक औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है कि नीतीश कुमार कब भाजपा में शामिल होंगे। बताते चले कि सीएम नीतीश कुमार उन नेताओं में से हैं जिन्होंने नोटबंदी पर पीएम मोदी का साथ दिया था। साथ ही जनता को लाभ पहुंचानी वाली योजनाओं के लिए मोदी को धन्यवाद दिया था।
हालांकि इस बात का अभी तक औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है कि नीतीश कुमार कब भाजपा में शामिल होंगे। बताते चले कि सीएम नीतीश कुमार उन नेताओं में से हैं जिन्होंने नोटबंदी पर पीएम मोदी का साथ दिया था। साथ ही जनता को लाभ पहुंचानी वाली योजनाओं के लिए मोदी को धन्यवाद दिया था।
उत्तर प्रदेश चुनाव में भारी जीत के बाद सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा को जीत के लिए बधाई देते हुए कहा था कि गरीब जनता ने बीजेपी का साथ दिया। साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर वार करते हुए कहा था कि सिर्फ विरोध करने के लिए अच्छी बातों को विरोध नहीं होना चाहिए। याद दिला दे कि नीतीश कुमार17 साल तक राजग गठबंधन में रह चुके हैं। वर्ष 2013 में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम आने के बाद उन्होंने गठबंधन को तोड़ अलग चुनाव लड़ने का निर्णय किया।