राम जन्मभूमि मामले के पक्षकार रहे निर्मोही अखाड़े के महंत भास्कर दास का शनिवार सुबह निधन हो गया। बताते चलें कि पिछले मंगलवार को उन्हें सांस की बीमारी व पैरालाइसिस अटैक के चलते रीडगंज स्थित एक निजी हृदय रोग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां शुक्रवार को उनकी हालत में डॉक्टरों ने मामूली सुधार बताया था। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मामले में हिंदुओं के प्रमुख पक्षकार रहे महंत भास्कर दास की आयु 90 वर्ष की थी।
उल्लेखनीय है कि मामले में महंत के उत्तराधिकारी पुजारी रामदास ने बताया था कि महंत जी को यह तीसरा अटैक आया । इससे पहले उन्हें वर्ष 2003 में हाईकोर्ट के अंदर साइलेंट अटैक आया था, जिसका इलाज जिला अस्पताल में कराया गया था। इसके बाद वर्ष 2007 में उन्हें दूसरा व इस बार तीसरा अटैक आया था, जिसका इलाज कॉर्डियोलाजिस्ट डॉ. अरुण जायसवाल द्वारा किया जा रहा था।
भव्य राममंदिर महंत के जीवन का सपना
महंत भास्कर दास ने श्रीरामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उन्होंने वर्ष 1959 में श्रीरामजन्म भूमि पर अपना दावा प्रस्तुत किया था। उनके उत्तराधिकारी पुजारी रामदास ने बताया कि महंत जी का सपना था कि उनके जीते जी राम मंदिर बन जाए।