राम रहीम की हनीप्रीत पर अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि हनीप्रीत नेपाल नहीं यहां छुपी हुई थी,
अभी-अभी: सरकारी कर्मचारियों को लगा बहुत बड़ा झटका, बंद होने वाली है….
डेरामुखी गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत कौर 20 सितंबर तक राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में स्थित गुरुसर मोडिया डेरे में थी। इसके बाद वह डेरामुखी के करीबी चालक राकेश भाई के साथ कहीं चली गई।
इसका खुलासा डेरामुखी की बेटी चरणप्रीत कौर ने 20 सितंबर को गुरुसर मोडिया डेरे में पूछताछ के लिए पहुंची एसआईटी की टीम से किया था। चरणप्रीत कौर ने एसआईटी को यह भी बताया था कि उसने ही हनीप्रीत को डेरे में छिपने में मदद की थी।
इसके बाद एसआईटी चरणप्रीत को गिरफ्तार करने लगी तो डेरामुखी के परिजनों ने उसे यह कहकर गिरफ्तार नहीं करने दिया कि वह जांच में मदद करेगी। एसआईटी सूत्रों के अनुसार, 21 सितंबर को चरणप्रीत कौर अपने वकील के साथ एसआईटी से पंचकूला में मिली।
इस दौरान एसआईटी ने चरणप्रीत से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार पूछताछ में चरणप्रीत ने बताया कि 25 अगस्त देर रात हनीप्रीत रोहतक से सिरसा डेरे में पहुंची थी। डेरा चेयरपर्सन विपसना ने उसे रोहतक से लाने के लिए गाड़ी भेजी थी। 28 अगस्त तक हनीप्रीत सिरसा डेरे में रही।
28 अगस्त को डेरा प्रमुख का परिवार गुरुसर मोडिया डेरा चला गया और हनीप्रीत अपने भाई साहिल तनेजा की रिश्तेदारी में हनुमानगढ़ चली गई। 29 अगस्त को चरणप्रीत ने हनीप्रीत को गुरुसर मोडिया लाने के लिए डेरामुखी के वफादार सेवादार चालक राकेश भाई को हनुमानगढ़ भेजा।
राकेश के साथ डेरामुखी का भरोसेमंद सुरक्षा गार्ड भी गया था। दोनों हनीप्रीत को हनुमानगढ़ से गुरुसर मोडिया लेकर आए। तब से हनीप्रीत गुरुसर मोडिया में रह रही थी।
विपसना को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने की जरूरत नहीं
डेरा चेयरपर्सन विपसना को पंचकूला एसआईटी ने पूछताछ के सिलसिले में नोटिस नहीं भेजा है। पंचकूला के एसीपी ट्रैफिक मुनीश सहगल ने साफ किया है कि 25 अगस्त को डेरामुखी के काफिले में शामिल गाड़ियों की सूची और काफिले में गए लोगों के बारे में विपसना से जानकारी मांगी गई है। विपसना चाहे तो ईमेल से जानकारी भेज सकती है। अगर जानकारी संतोषजनक नहीं मिलती है तो उसे व्यक्तिगत रूप से जांच में शामिल होना पडे़गा।
डेरा चेयरपर्सन विपसना को पंचकूला एसआईटी ने पूछताछ के सिलसिले में नोटिस नहीं भेजा है। पंचकूला के एसीपी ट्रैफिक मुनीश सहगल ने साफ किया है कि 25 अगस्त को डेरामुखी के काफिले में शामिल गाड़ियों की सूची और काफिले में गए लोगों के बारे में विपसना से जानकारी मांगी गई है। विपसना चाहे तो ईमेल से जानकारी भेज सकती है। अगर जानकारी संतोषजनक नहीं मिलती है तो उसे व्यक्तिगत रूप से जांच में शामिल होना पडे़गा।