गुरुवार को विपक्ष ने 17 दलों के साथ बैठक के बाद पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया। वहीं एनडीए राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम का ऐलान पहले ही कर चुकी है। अगर सत्ता और विपक्ष के सभी दलों के वोटों पर नजर डाले तो एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद एकतरफा जीतते नजर आ रहे हैं। उनके हक में 63.1 फीसदी वोट हैं। जिसमें केवल एनडीए के 48.9 फीसदी वोट हैं, अन्य दलों के वोट जोड़कर यह आंकडा 63 फीसदी के पार पहुंच जाता है। ISRO ने बनाया ये बड़ा इतिहास, एक साथ लॉन्च किए इतने सारे सैटलाइट्स…
वहीं विपक्ष के वोटों पर नजर डाले तो जेडीयू के पास 1.91 फीसदी, एआईएडीएमके 5.36 फीसदी, बीजेडी 2.99 फीसदी, टीआरएस 2 फीसदी, वाईएसआरसीपी 1.53 फीसदी और आईएनएलटी 0.38 फीसदी वोट हैं। जिसमें से जेडीयू और एआईएडीएमके ने कोविंद को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कोविंद के नाम को लेकर खुश नहीं थी, लेकिन बाद में उद्धव ठाकरे ने एनडीए को समर्थन देने की बात कही। शिवसेना के पास कुल वोट का 2.34 फीसदी हिस्सा है। उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दलित वोट बैंक को साधने के लिए कोविंद का नाम आगे कर रही है।
यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार के हिस्से में कितने वोट
आंकड़ो पर नजर डाले तो कांग्रेस के पास कुल 1,61,478 वोट हैं। वहीं अन्य सहयोगियों में टीएमसी के 63847, राजद के 18797, एआईएमआईएम के 2094, राकापा के 15857, जदएस के 7820, झामुमो के 5116, भाकपा के 4701, आईयूएमएल के 4328, एयूडीएफ के 3632, झाविमो के 352, रालोद के 208, आरएसपी के 628, नेशनल कांफ्रेंस के 1788, फारवर्ड ब्लॉक के 302, भाकपा माले के 176 वोट है। जबकि यूपीए के घटक जदयू ने एनडीए उम्मीदवार कोविंद को समर्थन दे दिया है। जदयू के साथ-साथ माना जा रहा है कि बसपा और सपा भी कोविंद के पाले में जा सकते हैं।