वाशिंगटन DC : इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने का नारा देकर राष्ट्रपति बने ट्रंप ने आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के अगले दिन अमेरिकी एयरफोर्स ने बड़ी सर्जिकल स्ट्राक की है। यूएस के वॉर प्लेन्स ने सीरिया में अल कायदा के ट्रेनिंग कैम्प पर हमला किया, जिसमें 200 से ज्यादा आतंकी मारे गए। अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट के हेडक्वार्टर्स पेंटागन की तरफ से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पेंटागन के स्पोक्सपर्सन नेवी कैप्टन जेफ डेविस ने रविवार को बताया कि हवाई हमले सीरिया के इदलिब प्रोविन्स में आतंकी संगठन अल कायदा के ट्रेनिंग कैम्प को टारगेट कर किए गए। शेख सुलेमान नाम से अल कायदा का यह ट्रेनिंग कैम्प 2013 से चलाया जा रहा था।
सीरिया में किए गए हवाई हमले में अमेरिका ने एक B-52 बमवर्षक और ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया। दावा किया गया है कि हमले में कोई भी लोकल सिटिजन नहीं मारा गया।
ट्रेनिंग कैम्प कट्टरपंथी इस्लामिक और सीरिया के अपोजिशन ग्रुप से अल कायदा में शामिल होने और इसके लिए लड़ाई लड़ने के लिए चलाया जा रहा था।
पेंटागन के मुताबिक, इससे एक दिन पहले लीबिया में भी कार्रवाई की गई थी, जिसमें आईएसआईएस के 80-90 आतंकी मारे गए थे।
हमले में अमेरिका ने B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया था। लीबिया हमले को ओबामा ने मंजूरी दी थी। अभी ये क्लियर नहीं है कि सीरिया स्ट्राइक के लिए सीधे उनसे मंजूरी ली गई थी या नहीं।
पेंटागन के मुताबिक, इस साल 1 जनवरी से अब तक अल कायदा के 350 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं। इसमें अल कायदा का ऑपरेशन लीडर मोहम्मद हबीब बुसाडोन अल-तुनिसी भी शामिल है जो बीते मंगलवार को मारा गया था।