विधानसभा चुनाव दहलीज पर हैं, मगर कांग्रेसी अभी तक संभले नहीं हैं। हिमाचल में सत्तारूढ़ पार्टी वीरभद्र कांग्रेस और सुक्खू कांग्रेस में ही बंटी है। मंगलवार को सरकार और संगठन में तकरार फिर साफ हो गई।50 लाख के खर्च के बावजूद भी दफ्तर नहीं आए मंत्री जी!
नगर निगम शिमला के चुनाव में हार के बाद प्रदेश विधानसभा के मिशन रिपीट के इरादे से बुलाई पहली बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नहीं पहुंचे, जबकि शेड्यूल में उनका कांग्रेस कार्यालय जाने का कार्यक्रम था।
वे कांग्रेस कार्यालय से थोड़ी दूर सचिवालय में अपने कार्यालय में बैठे काम निपटाते रहे। कांग्रेस कार्यालय में भाजपा की रथयात्रा का जवाब कांग्रेस की पथ यात्रा से देने की रणनीति को उन्हीं की गैर हाजिरी में तय किया गया।
राहुल लगा रहे मिशन रिपीट की उम्मीद
अपने एक बयान में राहुल गांधी तक उनसे मिशन रिपीट की उम्मीद जता चुके हैं। बावजूद इसके सरकार और संगठन के सुर और ताल परस्पर मेल नहीं खा रहे हैं। मंगलवार को कांग्रेस की अहम बैठक में सीएम को विशेष रूप से बुलाया गया था।
विद्या स्टोक्स को वैसे भी सुक्खू को नेता के रूप में उभारने वाली वरिष्ठ नेत्री माना जाता है। वह कभी वीरभद्र के विरोधी खेमे में रह चुकी हैं। हालांकि, अब उनके वीरभद्र के साथ संबंध सामान्य हैं।
तमाम खेमों से अलग धनीराम शांडिल का कांग्रेस आलाकमान में अपना रसूख है। बैठक में सीएम के खास रणनीतिकार पार्टी उपाध्यक्ष हर्ष महाजन समेत वीरभद्र खेमे के कई अन्य नेता भी शामिल नहीं हुए।
वीरभद्र जब दोपहर बाद भी नहीं आए तो कई नेता और कार्यकर्ता उदास हो गए। सचिवालय के लिए पार्टी कार्यालय से लगातार फोन घुमाए जाते रहे। जवाब मिला कि उन्हें अभी कई प्रतिनिधिमंडलों से मिलना है। अपना काम निपटाना है। इसके बाद सीएम मशोबरा के लिए रवाना हुए, तब बात साफ हुई कि वे शायद ही बैठक में आएं।
सुक्खू ने बैठक को सफल माना, सरकार-संगठन में मतभेद से इंकार
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केवल इतना कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मंगलवार की बैठक काफी सफल रही है। उन्होंने कांग्रेस सरकार-संगठन में किसी भी तरह का मतभेद मानने से इंकार किया।
भाजपा के सरपट दौड़ते प्रचार रथों का जवाब देने को आतुर कांग्रेस को आंतरिक खटपट से जूझना पड़ रहा है। 18 जून से शुरू हुई भाजपा की परिवर्तन रथयात्रा का संसदीय क्षेत्रों में समापन शुरू हो गया। दूसरी तरफ, पलटवार की तैयारी में जुटी प्रदेश कांग्रेस की बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नहीं पहुंचना नेताओं को खटक रहा है।
नगर निगम शिमला चुनाव में कांग्रेस संगठन और सरकार के बीच मतभेद के बीच मिली हार के बाद स्थितियां सुधरने की संभावना जताई जा रही थी। पार्टी में खींचतान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौन हैं, जबकि भाजपा रणनीतिक लिहाज से फायदे का सौदा मान रही है। अब दोनों दल प्रत्येक विधानसभा में पदयात्राएं शुरू करने की तैयारी में हैं।
भाजपा के प्रदेश संगठन सभी मोर्चों और इकाइयों के साथ मिलकर उतर रही है, जबकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पथयात्रा के अलावा युंका विकास यात्रा शुरू करने जा रही है। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रदेश व्यापी प्रचार का प्रथम चरण शुरू होने के एक माह बाद कांग्रेस भी पूरे प्रदेश में एक साथ प्रचार अभियान शुरू करने जा रही है।
परिवर्तन रथों के माध्यम से भाजपा ने प्रत्येक संसदीय क्षेत्र की हर विधानसभा को नाप लिया। 4 जुलाई से पार्टी अलग अलग संसदीय क्षेत्र में यात्रा का समापन शुरू कर चुकी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की सुंदरनगर में जनसभा के बाद मंडी संसदीय क्षेत्र की यात्रा समाप्त हो गई।