अखिलेश सरकार के बड़े प्रोजेक्ट में शुमार रहे गोमती रिवर फ्रंट में घपलों की सीबीआई जांच की सिफारिश के चौबीस घंटे बाद ही पहला शिकंजा प्रोजेक्ट से जुड़े आठ इंजीनियरों पर कसा है। सोमवार रात गोमतीनगर थाना में इन सभी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का केस दर्ज कर लिया गया।
गोमतीनगर इंस्पेक्टर सुजीत दुबे ने बताया कि एफआईआर में सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता गुलेश चंद्रा, एसएन शर्मा व काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता शिवमंगल यादव, अखिल रमन व कमलेश्वर सिंह, तत्कालीन अधिशासी अभियंता-अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव और वर्तमान अधिशासी अभियंता सुरेंद्र यादव के नाम शामिल हैं।
इसमें से पहले सात रिटायर हो चुके हैं। आरोप है कि इन सबने रिवर फ्रंट परियोजना के लिए आवंटित रकम का बड़ा हिस्सा मिलीभगत से डकार लिया। परियोजना का ठेका डिफॉल्टर कंपनी गैमन इंडिया को देने के लिए अफसरों और इंजीनियरों ने टेंडर की शर्तों को मनमाने तरीके से बदल डाला। सिंचाई विभाग, शारदा सहायक के अधिशासी अभियंता की तरफ से दी गई तहरीर में न्यायिक जांच समिति की 74 पन्ने की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है।