यूपी सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई जांच के लिए सिफारिश केंद्र को भेज दी है। मामले में कई अफसरों व इंजीनियरों पर तलवार लटक रही है।
73 करोड़ की फॉरेन करंसी के नुकसान का आरोप, एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने शाहरुख खान को भेजा नोटिस
गृह विभाग ने सिफारिश भेजने के बाद सचिव गृह ने बताया कि भगवान स्वरूप ने बताया कि इस मामले को केंद्र के कार्मिक विभाग को निर्धारित प्रारूप में भेज दिया गया है। 20 जून को सिंचाई विभाग ने इस मामले में गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसे प्रारूप में शामिल किया गया है।
आरोप है कि रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। एफआईआर में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता से लेकर एक्सईएन स्तर तक के अधिकारियों को नामजद किया गया था। इनमें गुलेश चंद्र, एसएन शर्मा, काजिम अली, शिवमंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर, रूपसिंह यादव और सुरेंद्र यादव शामिल हैं।
60 प्रतिशत हुआ काम, जारी कर दी 95 प्रतिशत राशि
गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। पिछली सरकार में ही 1437 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए।
स्वीकृत बजट की 95 फीसदी रकम जारी होने के बावजूद 60 फीसदी काम भी पूरा न होने पर योगी सरकार ने सत्ता संभालते ही मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए थे। न्यायिक जांच में इस परियोजना को भ्रष्टाचार का पर्याय करार दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का था ड्रीम प्रोजेक्ट
गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का प्रोजेक्ट बताया जाता है। यूपी चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश ने कई बार इसका जिक्र किया था।
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