प्रदेश में इस बार से डिग्री कॉलेजों में प्राइवेट परीक्षाएं समाप्त कर दी गई हैं। अब प्राइवेट विद्यार्थियों का जिम्मा इस विश्वविद्यालय को सौंप दिया गया है।बड़ी खुशखबरीः नए साल में आएगी बंपर भर्तियां, इन पदों पर कर सकेंगे आवेदन
उच्चशिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में इस बार से डिग्री कॉलेजों में प्राइवेट परीक्षाएं समाप्त कर दी गई हैं। अब प्राइवेट विद्यार्थियों का जिम्मा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही गैस पेपर (माडल पेपर) पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा, इससे पहले सभी महाविद्यालयों में पुस्तकों की कमी को दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है उत्तराखंड का इतिहास हर डिग्री कॉलेज में विषय के रूप में पढ़ाया जाए, इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में शौर्य दीवार के अनावरण, विश्वविद्यालय की वेबसाइट और एप के लोकार्पण समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉलेजों में 180 दिन पढ़ाई को सख्ती के साथ लागू किया गया है, जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम होगी उन्हें परीक्षा में बैठने से रोका जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां महाविद्यालयों में शत प्रतिशत प्राचार्य हैं जबकि उत्तरप्रदेश में केवल 58 प्रतिशत ही प्राचार्य हैं। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में कुलसचिव और उपकुलसचिव आदि पदों पर पूर्ण कालिक नियुक्ति होने तक अस्थायी नियुक्तियां की जाएंगी। दस दिन के भीतर निविदा निकाली जाएगी।
इनका कार्यकाल छह माह या इससे अधिक भी हो सकता है। चार माह के अंदर असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियां होने की उम्मीद है। कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि विवि दूरस्थ शिक्षा को मजबूत करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।
मुक्त विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या 40 हजार पहुंच चुकी है। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री बच्ची सिंह रावत, कुलसचिव प्रो. आरसी मिश्र, प्रो. गिरिजा पांडे, भाजपा नेता गजराज बिष्ट, शांति भट्ट, विजय मनराल आदि मौजूद रहे।
2019 तक प्रदेश होगा पूर्ण साक्षर
उच्चशिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की साक्षरता की स्थिति 88 प्रतिशत है। सरकार ने तय किया है कि वर्ष 2019 तक उत्तराखंड को शत प्रतिशत साक्षर बनाया जाएगा। इस कार्य के लिए प्रत्येक डिग्री कॉलेज की ओर से छात्र द्वारा पांच निरक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा।
पुस्तक दान अभियान चलाया जाएगा। 10 लाख पुस्तकें एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वेच्छा से सभी प्रोफेसर एक दिन का वेतन पुस्तक दान हेतु देंगे। मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को दस-दस गांवों को गोद लेने को कहा गया है। इन गांवों में विश्वविद्यालय द्वारा लोगों को डिजिटल प्रणाली के बारे में जागरूक किया जाएगा।