बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के सम्मान में पीएम नरेंद्र मोदी ने लंच का कार्यक्रम रखा था जिसमें शामिल होने नीतीश दिल्ली आए हुए थे. पीएम से मुलाकात को लेकर राजनीतिक अटकलों पर नीतीश ने साफ कहा कि इस मुलाकात के राजनीतिक मायने ना निकाले जाएं. उन्होंने कहा कि वह जेडीयू नेता के रूप में नहीं बल्कि बिहार के सीएम के नाते पीएम से मिले हैं. नीतीश कुछ भी कहें लेकिन सोनिया के लंच में गैरमौजूद रहने के ठीक एकदिन बाद होने वाली ये मुलाकात कई कारणों से अटकलों को हवा दे रही है.यह भी पढ़े: आखिर ये बच्चा क्या लेकर पैदा हो गया कि उसकी तस्वीरे सोशल मीडिया पर तहलका मचा…
लालू परिवार का संकट
बिहार में सत्ता की साथी आरजेडी के शीर्ष नेतृत्व पर घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. पार्टी सुप्रीमो लालू यादव पर बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है. उनकी बेटी मीसा भारती पर फर्जी कंपनी बनाकर पैसा बनाने के आरोप हैं. साथ ही बिहार के उप मुख्यमंत्री, लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव पर भी घोटालों के आरोप हैं. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में जेडीयू-आरजेडी गठंबधन ज्यादा दिनों तक मिलकर सरकार नहीं चला सकता. हालांकि नीतीश कुमार का कहना है कि हम पूरे पांच साल साथ मिलकर सरकार चलाएंगे.
एनडीए में शामिल होने का न्योता
बिहार में लालू पर लगे घोटालों के आरोप के बाद बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता खुले तौर पर नीतीश को दोबारा एनडीए में शामिल होने का न्योता दे चुके हैं. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि नीतीश उनके पुराने साथी हैं और लालू यादव की छवि की वजह से उनकी सरकार की भी बदनामी हो रही है, ऐसे में अगर वह चाहें तो दोबारा एनडीए में शामिल हो सकते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए लामबंदी
दिल्ली में विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार के लिए गोलबंदी जारी है. शुक्रवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर लंच का आयोजन किया गया था जिसमें विपक्षी दलों के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे. जेडीयू की तरफ से नीतीश के इस लंच में शामिल होने की उम्मीद थी लेकिन शरद यादव जेडीयू प्रतिनिधि के रूप में लंच का हिस्सा रहे. बीजेपी भी राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेगी ऐसे में उसको भी क्षेत्रीय दलों के सहयोग की जरूरत पड़ सकती है.
क्रॉस वोटिंग पर बीजेपी की निगाहें
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने भले ही एकजुट नजर आ रहे हों. लेकिन कांग्रेस पार्टी को डर है कि सहयोगी दलों से भरोसे के बावजूद स्थानीय स्तर पर नेता पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के उम्मीदवार को वोटिंग में समर्थन दे सकते हैं. ऐसे में अगर क्रॉस वोटिंग होती है तो राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार को तगड़ा झटका लग सकता है.
दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने ऐसी अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि वह बिहार के मुद्दों के अवगत कराने के लिए पीएम से मिले थे और इस मुलाकात की राजनीतिक व्याख्या ना की जाए. उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई, आर्थिक मदद और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को दोहराने के लिए पीएम से मुलाकात की है.