अभी-अभी: शराब के शौकिनों के लिए बुरी खबर, ‌नगर निगम ने लिया ये बड़ा फैसला

अभी-अभी: शराब के शौकिनों के लिए आई बुरी खबर, ‌नगर निगम ने लिया ये बड़ा फैसला

शराब के शौकिनों के लिए बुरी खबर है। नगर निगम शिमला ऐसा फैसला लेने जा रहा है जिससे शहर में शराब पीना महंगा नहीं बहुत महंगा पड़ जाएगा। शहर में शराब पर लगने वाले शुल्क में पांच गुना बढ़ोतरी करने की तैयारी चल रही है। अभी-अभी: शराब के शौकिनों के लिए बुरी खबर, ‌नगर निगम ने लिया ये बड़ा फैसला

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नगर निगम ने शराब की बिक्री पर लगने वाले शुल्क में पांच गुणा बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। वर्तमान में प्रति बोतल दो रुपये शराब शुल्क वसूला जाता है। इसे अब दस रुपये तक बढ़ाया जा रहा है। 

शराब पर लगने वाले शुल्क में पांच गुणा बढ़ोतरी होने से नगर निगम की सालाना आय तीन करोड़ तक पहुंच जाएगी। शिमला शहर में निगम के दायरे में आने वाले शराब के ठेकों में सालाना करीब 30 लाख शराब बोतलों की बिक्री होती है।

शुल्क बढ़ा तो शराब भी होगी महंगी

इससे निगम को 60 लाख रुपये की आमदनी होती है। अब पांच गुना बढ़ी आय को शहर के विकासकार्यों पर खर्च किया जा सकेगा। साल 2012 से लेकर नगर निगम ने शराब पर लगने वाले शुल्क की दरों को नहीं बढ़ाया है। 

नगर निगम हाउस और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। नगर निगम को यह शुल्क आबकारी विभाग से प्राप्त होगा। आबकारी विभाग नगर निगम के दायरे में आने वाले ठेकों के मालिकों की इसकी वसूली करेगा। वहीं, ठेका मालिक भी इस शुल्क की भरपाई के लिए शराब के दामों में वृद्धि कर उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डाल सकते हैं।

इस बार निगम हाउस में लाने की तैयारी 

नगर निगम की टैक्स शाखा ने शराब शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव निगम ने नवंबर महीने में ही तैयार कर लिया था। लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण इसे सदन में चर्चा के लिए नहीं लाया जा सका।

अब इस साल की आखिरी मासिक बैठक में इसे सदन में रखा जाएगा। निगम हाउस में इसके विरोध के कम ही आसार है। निगम से प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे सरकार को भेजा जाएगा। 

प्रस्ताव पर बैठक में होगी चर्चा
नगर निगम शिमला की मेयर कुसुम सदरेट ने कहा क‌ि शराब शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है। फाइल मेरे पास पहुंच गई है। बैठक में ही इस पर चर्चा होनी है। 

आय के स्‍त्रोत बढ़ाने को कड़े फैसले लेगा एमसी 

नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए जल्द ही कड़े फैसले लेने जा रहा है। शहर में किन किन स्त्रोतों से निगम की आय बढ़ सकती है, इसके लिए गठित कमेटी इसी हफ्ते आयुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसमें आय बढ़ाने के सुझाव दिए जाएंगे।

इसके लिए संयुक्त आयुक्त प्रशांत सरकैक की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई है जो इसकी रिपोर्ट तैयार कर रही है। निगम के अनुसार शहर में सैंकड़ों लोग ऐसे हैं जो डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन के तहत हर महीने शुल्क की अदायगी नहीं करते हैं।

ऐसे कितने लोग हैं जो पैसा नहीं देते, इसका पता लगाया जा रहा है। साथ ही उन लोगों की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो इस योजना से नहीं जुड़े हैं। ये लोग जंगलों और नालों में कूड़ा डंप कर रहे हैं। इन्हें भी इस योजना से जोड़ा जाएगा।

इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स जमा न करने वाले भवनमालिकों को लेकर भी रिपोर्ट तैयार हो रही है। निगम चाहता है कि पहले उन भवनमालिकों से टैक्स वसूला जाए जिन्हें 50 हजार से अधिक की राशि देनी है।

इसके अलावा आय के अन्य स्त्रोतों को भी तलाशा जा रहा है। नगर निगम आयुक्त जीसी नेगी ने बताया कि कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। इसमें जो भी सुझाव होंगे, उन्हें लागू किया जाएगा।

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