शराब के शौकिनों के लिए बुरी खबर है। नगर निगम शिमला ऐसा फैसला लेने जा रहा है जिससे शहर में शराब पीना महंगा नहीं बहुत महंगा पड़ जाएगा। शहर में शराब पर लगने वाले शुल्क में पांच गुना बढ़ोतरी करने की तैयारी चल रही है। 
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नगर निगम ने शराब की बिक्री पर लगने वाले शुल्क में पांच गुणा बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। वर्तमान में प्रति बोतल दो रुपये शराब शुल्क वसूला जाता है। इसे अब दस रुपये तक बढ़ाया जा रहा है।
शराब पर लगने वाले शुल्क में पांच गुणा बढ़ोतरी होने से नगर निगम की सालाना आय तीन करोड़ तक पहुंच जाएगी। शिमला शहर में निगम के दायरे में आने वाले शराब के ठेकों में सालाना करीब 30 लाख शराब बोतलों की बिक्री होती है।
नगर निगम हाउस और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। नगर निगम को यह शुल्क आबकारी विभाग से प्राप्त होगा। आबकारी विभाग नगर निगम के दायरे में आने वाले ठेकों के मालिकों की इसकी वसूली करेगा। वहीं, ठेका मालिक भी इस शुल्क की भरपाई के लिए शराब के दामों में वृद्धि कर उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डाल सकते हैं।
अब इस साल की आखिरी मासिक बैठक में इसे सदन में रखा जाएगा। निगम हाउस में इसके विरोध के कम ही आसार है। निगम से प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे सरकार को भेजा जाएगा।
प्रस्ताव पर बैठक में होगी चर्चा
नगर निगम शिमला की मेयर कुसुम सदरेट ने कहा कि शराब शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है। फाइल मेरे पास पहुंच गई है। बैठक में ही इस पर चर्चा होनी है।
इसके लिए संयुक्त आयुक्त प्रशांत सरकैक की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई है जो इसकी रिपोर्ट तैयार कर रही है। निगम के अनुसार शहर में सैंकड़ों लोग ऐसे हैं जो डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन के तहत हर महीने शुल्क की अदायगी नहीं करते हैं।
ऐसे कितने लोग हैं जो पैसा नहीं देते, इसका पता लगाया जा रहा है। साथ ही उन लोगों की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो इस योजना से नहीं जुड़े हैं। ये लोग जंगलों और नालों में कूड़ा डंप कर रहे हैं। इन्हें भी इस योजना से जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स जमा न करने वाले भवनमालिकों को लेकर भी रिपोर्ट तैयार हो रही है। निगम चाहता है कि पहले उन भवनमालिकों से टैक्स वसूला जाए जिन्हें 50 हजार से अधिक की राशि देनी है।
इसके अलावा आय के अन्य स्त्रोतों को भी तलाशा जा रहा है। नगर निगम आयुक्त जीसी नेगी ने बताया कि कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। इसमें जो भी सुझाव होंगे, उन्हें लागू किया जाएगा।
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