मांग की कि प्रदेश में दिन-प्रतिदिन बिगड़ती कानून व्यवस्था पर विचार कर तत्काल उचित कदम उठाएं और निर्दोष व्यक्तियों को फर्जी मुकदमों में न फंसाया जाए।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश का विकास ठप हो गया है। अल्पसंख्यक वर्ग दहशत में है। व्यापारी, महिलाएं व छात्राएं असुरक्षित हैं।
बालिकाओं की दुष्कर्म के बाद हत्या व छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ गई हैं। पुलिस की पिटाई हो रही है।
थानों में भाजपा नेताओं का राज है। पुलिस के जरिये विपक्ष को दबाया, फंसाया और प्रताड़ित किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के अलावा अहमद हसन, रामगोविन्द चौधरी, राजेंद्र चौधरी, एमएलसी रामसुन्दर दास एवं अतुल प्रधान शामिल थे।