खास बात ये है कि ट्वीट के जरिए अपनी बात रखने वाले लालू ने भाजपा के साथ साथ ही जदयू को भी संदेश देने की कोशिश की। लालू ने अपने ट्वीट में ‘नए गठबंधन साथियों’ शब्द का इस्तेमाल किया। जिसके जरिए उन्होंने इशारों-इशारों में जदयू को भी लपेटे में ले लिया जिस पर पिछले कुछ दिनों से भाजपा डोरे डाल रही है।
लालू का ट्वीट नीतीश कुमार के उस बयान का जवाब भी माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर लग रहे भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति के आरोपों को लेकर कहा था कि केंद्र सरकार जिससे चाहें इस मामले में जांच करा सकती है।
नीतीश ने ये भी कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि वाकई उनके आरोपों में दम है तो वो कानून का सहारा ले सकते हैं। नीतीश ने कहा कि हम (राज्य सरकार) किस तरह की जांच कर सकते हैं, जब आरोप राज्य सरकार की जांच के दायरे में नहीं है।
हालांकि लालू ने अपने इस ट्वीट के बाद तुरंत संभलते हुए गठबंधन को भी साधने की कोशिश की। लालू ने अपने आखिरी ट्वीट में कहा कि ‘ज़्यादा लार मत टपकाओ। गठबंधन अटूट है।अभी तो समान विचारधारा के और दलो को साथ जोड़ना है। मैं BJP के सरकारी तंत्र और सरकारी सहयोगियो से नही डरता’।
इससे पहले लालू ने आयकर विभाग के छापों को लेकर खुद का बचाव जबकि मीडिया तक की तीखी आलोचना की। लालू ने कहा- ‘अरे पढ़े-लिखे अनपढो,ये तो बताओ कौन से 22 ठिकानों पर छापेमारी हुई।BJP समर्थित मीडिया और उसके सहयोगी घटको (सरकारी तोतों) से लालू नही डरता।’
लालू ने ये भी कहा कि ‘BJP में हिम्मत नही कि लालू की आवाज को दबा सके। लालू की आवाज दबाएंगे तो देशभर मे करोड़ो लालू खड़े हो जाएंगे। मै गीदड़ भभकी से डरने वाला नही हूं।’ आपको बता दें कि उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव पर भूमि अधिग्रहण का भी आरोप है।