उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश में हुए पुराने घोटालों को खोलने के लिए भी कदम उठाने जा रहे हैं। आदित्यनाथ ने 2010-11 में मायावती सरकार में राज्य चीनी निगम की 21 मिलों को बेचने में 1180 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराने पर विचार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कोऑपरेटिव चीनी मिलों को 2018-19 में चालू कराने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। अभी अभी: सीएम के इस ऐलान से बदल गया यूपी का इतिहास, किसी ने नहीं सोचा था कि… पुरानी गाड़ी की सही कीमत को लेकर परेशान हैं? ओबीवी संग बेफिक्र रहें फंड्सइंडिया के साथ करो म्युचुअल फंड्स में शुरुवात। गोदरेज ओरिजिंस। जल्द आ रहा है फ्लैगशिप प्रोजेक्ट-द ट्रीस, मुंबई। योगी ने कहा, “किसी भी शख्स को सरकार की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचने का कोई अधिकार नहीं है। जनता की संपत्ति का दुरुपयोग कतई नहीं होने दिया जाएगा।”
सीएम ने पेराई सत्र 2016-17 के बाकी गन्ना मूल्य का पेमेंट 23 अप्रैल तक किसानों को हर हाल में कराने के भी निर्देश दिए। कहा- बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान न करने वाले मिल मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। सीएम ने आगे कहा कि गन्ना मंत्री मूल्य का भुगतान तय वक्त में कराने के लिए संबंधित मिल मालिकों की मीटिंग बुलाना सुनिश्चित करें। योगी ने गन्ना विभाग को हर साल 116 गांवों का चयन कर उन्हें चीनी मिलों से आदर्श गांव के रूप में विकसित कराने के ऑर्डर दिए।
इस तरह पांच सालों में 580 आदर्श गांवों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महीने में एक बार समिति स्तर पर गन्ना किसान दिवस का आयोजन किया जाए। गन्ना रिसर्च से जुड़े केंद्र और राज्य के वैज्ञानिकों की एक दिन की वर्कशॉप ऑर्गनाइज की जाए। गन्ना विभाग के सभी इम्प्लॉइज की बायोमीट्रिक से अटेंडेंस दर्ज की जाएगी