अभी-अभी: सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, अब कैदियों को मिलेंगी ये सुविधायें...

अभी-अभी: सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, अब कैदियों को मिलेंगी ये सुविधायें…

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि सजायाफ्ता कैदी सुधार की प्रवृति प्रदर्शित करते हैं तो उन्हें भी ‘खुली हवा में सांस लेना’ चाहिए तथा उन्हें भी पारिवारिक व सामाजिक संबंध बनाए रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।अभी-अभी: सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, अब कैदियों को मिलेंगी ये सुविधायें...अभी-अभी: श्रीनगर एयरपोर्ट पर हुआ आतंकी हमला, फायरिंग से मची हडकंप…

न्यायालय ने लंबी कैद की सजा काट रहे कैदियों के पेरोल आवेदन पर सुनवाई करते हुए मानवीय दृष्टिकोण का पक्ष लिया। न्यायमूर्ति एके सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने सरकार को पेरोल देने पर 1955 में बने नियमों को यह कहते हुए समय के अनुसार बदलाव करने का निर्देश दिया और कहा कि यह महज कंकाल रह गया है।

उसने सजा देने के उद्देश्यों में से एक का हवाला दिया और कहा कि यह मुजरिमों को सुधारने के लिए है। पीठ ने कहा, ‘चर्चा में समग्र प्रावधानों को शामिल कर इन नियमों में तत्काल समय के अनुसार करने की जरूरत है ताकि उन लोगों को उपयुक्त निर्देश दिया जा सके जिन्हें पेरोल मंजूर करने के लिए ऐसे आवेदनों पर गौर करना होता है।’

न्यायालय ने अपने फैसले की प्रति कानून एवं न्याय मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया है। हालांकि पीठ ने कहा कि व्यक्ति को जितने समय तक की सजा सुनाई गई है उसे उतना समय तक जेल में रहना ही चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘मुजरिम को भी कुछ समय के लिए खुली हवा में सांस लेना चाहिए। बशर्ते वह जेल में लगातार अच्छा आचरण रखे, खुद को सुधरने की प्रवृति दिखाए और अच्छा नागरिक बने।

समाज की भलाई के लिए ऐसे कैदियों के पुनर्वास पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए जब वे कैद की सजा काट रहे हों।’ यह फैसला अशफाक की अर्जी पर आया है जो छह दिसंबर, 1993 में पांच ट्रेनों में हुए बम धमाकों में अपनी भूमिका को लेकर टाडा कानूनों के तहत उम्रकैद काट रहा है।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com