इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलरी साइंसेज (आईबीएलएस) से निकालने और इसकी वजह से आत्महत्या का प्रयास करने वाली जीना रविवार को एम्स से छुट्टी लेकर घर पहुंची। हाथ की नस काटने के बाद पहली बार सामने आईं जीना जोसेफ ने अस्पताल प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
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जीना ने कहा कि चंद लोग तानाशाह बनकर बैठे हैं। सरकार के आगे झूठी दलीलें देकर कर्मचारियों का शोषण करते हैं। वे तो मुझे मानसिक रोगी घोषित करना चाहते हैं। अगर मैं रोगी होती तो क्या सैकड़ों कर्मचारी मेरे समर्थन में आज हड़ताल करते। ये कहना है नर्स जीना का।
बता दें कि दो दिन पहले अस्पताल प्रबंधन ने जब जीना जोसेफ को नौकरी से निकाल दिया तो वह काफी परेशान हो गईं और अस्पताल के बाथरूम में बेहोशी हालत में मिली थीं। उनके हाथ से खून बह रहा था और दूसरे हाथ में ब्लेड था। हाथ की नस काटने की वजह से ही इनका इलाज एम्स के ट्रामा सेंटर में चल रहा था।
जीना जोसेफ बताती हैं कि उनका करार 16 अक्टूबर तक है, लेकिन प्रबंधन ने पहले ही उन्हें नौकरी से हटा दिया। इससे पहले जुलाई में भी उन्हें नोटिस दिया गया था। जबकि जून में मेल नर्स राकेश शर्मा प्रबंधन के खिलाफ भूख हड़ताल पर था। 8 दिन चली इस हड़ताल के कारण अनिल लांबा को प्रबंधन ने नौकरी से निकाल दिया था।
दूसरे दिन भी हड़ताल जारी
उधर, आईएलबीएस अस्पताल के बाहर दूसरे दिन भी नर्सों की हड़ताल जारी रही। इनका कहना है कि प्रबंधन की वजह से कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, प्रबंधन ने इस हड़ताल को गैरकानूनी देते हुए काम पर वापस आने की अपील की है। प्रबंधन का कहना है कि पहले भी हड़ताल को लेकर हाईकोर्ट रोक लगा चुका है। मरीजों के हित में इस तरह के प्रदर्शन ठीक नहीं।
हड़ताल खत्म कराने के लिए प्रबंधन और धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ के बीच रविवार रात 8 बजे तक मीटिंग चलती रही। लेकिन आखिर में दोनों ही पक्षों के बीच किसी भी तरह की सहमति नहीं बनी है। कर्मचारियों का कहना है जीना जब तक काम पर नहीं आएंगी हड़ताल जारी रहेगी। जबकि प्रबंधन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है।
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