पंजाब के दिग्गज राजनेता व पूर्व मंत्री के खिलाफ दुराचार, धोखाधड़ी, धमकाने की धाराओ के तहत केस दर्ज किया गया है। पीड़िता ने इस तरह से मामले का खुलासा किया। पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री व अकाली दल गुरदासपुर के जिला प्रधान सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ पीड़िता ने एफिडेविट के साथ वीडियो की पेन ड्राइव पुलिस को सौंपी थी।
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विजिलेंस विभाग में मुलाजिम पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह गुरदासपुर के एक गांव की रहने वाली है। उसकी मुलाकात सुच्चा सिंह लंगाह से 2009 में हुई थी। पंजाब पुलिस में मुलाजिम उसके पति की मौत अप्रैल 2008 में मौत हुई थी।
पति के स्थान पर नौकरी पाने के लिए वह पहली बार लंगाह से चंडीगढ़ के किसान भवन में मिली। लंगाह ने 2-3 दिन बाद किसान भवन में ही आकर मिलने के लिए कहा। जब वह वहां पहुंची तो लंगाह ने उसके साथ गलत हरकतें शुरू कर दी। विरोध करने पर उन्होंने धमकाते हुए शारीरिक शोषण किया।
इसके बाद एक बार लंगाह ने बीएमडब्ल्यू कार भेज कर सचिवालय में बुलाया और पुलिस के अफसर को फोन करके तरस के आधार पर मेरे पति की जगह मुझे नौकरी दिलवाई। इसके बाद भी लंगाह ने उसका शारीरिक शोषण करते रहे।
कहता था- मैं किसी भी कत्ल करवा सकता हूं
पीड़िता ने आरोप लगाया कि लंगाह धमकी देते थे कि मैं किसी का भी कत्ल करवा सकता हूं। मेरी पहुंच यूपी, बिहार के कई गैंगस्टर व बाहुबलियों के साथ है। बाद में उन्होंने मुझे चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया में प्लाट लेकर देने का वादा भी किया। वे मुझसे स्थानीय कालोनी में भी अकसर मिलते थे। वे कई बार अपने पर्सनल नंबर तथा विभिन्न नंबरों से फोन करते और कई बार धारीवाल के एक व्यक्ति से भी फोन करवाते। वे जब भी मिलने आते, खुद गाड़ी चलाकर आते।
आर्थिक तौर पर भी लूटने का आरोप
पीड़िता का आरोप है कि लंगाह ने कोठी दिलवाने के बहाने गांव में एक एकड़ खेत बिकवाया। जमीन की रकम से मिले 30 लाख रुपये से मुझे सिर्फ साढे़ चार लाख रुपये ही दिए और बाकी खुद रख लिए। जब मैने पैसे नहीं होने की बात कही तो लंगाह ने सहकारी बैंक में मेरे नाम पर आठ लाख का लोन करवा दिया। उसमें से भी मुझे सिर्फ एक लाख मिला।
उन्होंने मेरे गांव स्थित घर का भी सौदा करवा दिया। उनके कहने पर मैंने अपनी बदली दूसरी जगह करवा ली। कई बार लंगाह ने मुझे लाल कोठी धारीवाल और दरिया पार बनी कोठी में भी आने को कहा। जब पानी सिर से ऊपर निकल गया तो मैंने हिम्मत करके मजबूरन वीडियो बनाई और पुलिस को सौंप दी।
शिकायतकर्ता ने एफिडेविट और वीडियो रिकार्डिंग की पेन ड्राइव पुलिस को सौंपी थी। पूरी जांच के बाद डीए लीगल की राय लेकर लंगाह के खिलाफ सिटी थाने में आईपीसी धारा 376, 382, 420, 506 के तहत केस दर्ज किया गया है। पीड़िता का मेडिकल कराया गया है। उसे पुलिस सुरक्षा दी जा रही है। फिलहाल लंगाह की गिरफ्तारी नहीं की गई है और आगे की जांच जारी है।
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