एनएच-74 के चौड़ीकरण में हुए तीन सौ करोड़ से ज्यादा के घोटाले के खुलासे से जुड़े करने वाले तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर और वर्तमान में सचिव परिवहन ने जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है। इस बाबत कार्मिक विभाग को उन्होंने एक पत्र भेजा है। कार्मिक विभाग ने गृह विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा है।
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पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के मकसद से एनएच-74 का चौड़ीकरण आरंभ था किया गया। मगर इसमें बड़े पैमाने पर कृषि भूमि को अकृषि दिखाकर लगभग तीन सौ करोड़ का घपला किया गया।
इस पूरे घोटाले का खुलासा तत्कालीन कमिश्नर डी. सेंथिल पांडियन ने किया था। नई सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी की थी, हालांकि छह माह बीत जाने के बाद भी सीबीआई ने जांच टेकअप नहीं की।
फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। इसी बीच पांडियन का अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा बढ़ाए जाने संबंधी पत्र बीते दिनों कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी को सौंपा।
सूत्रों की मानें तो इसमें एनएच-74 घोटाले की जांच समेत अन्य मामलों का जिक्र करते हुए सुरक्षा को खतरा बताया गया है। सुरक्षा बढ़ाने के बाबत कार्मिक विभाग ने गृह विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है।
इधर इस पत्र ने राज्य की नौकरशाही में खलबली मचा दी है। पत्र के संबंध में जानकारी करने के लिए सचिव डी. सेंथिल पांडियन को कई बार फोन मिलाया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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