एक लाख बैंक खाता धारकों की लापरवाही की वजह से उन्हें नुकसान झेलना पड़ा। खाते से आधार कार्ड लिंक नहीं करवाने से उन्हें यह नुकसान हुआ है।बैंक खातों में आधार कार्ड लिंक नहीं होने और जिला आपूर्ति विभाग को खाता संख्या नहीं बताने से जनपद के एक लाख कार्ड धारकों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है।
जनपद में केवल 60 हजार कार्ड धारकों की ही सब्सिडी खाते में दी जा रही है। सब्सिडी योजना पिछले साल नवंबर से शुरू हुई थी। इसमें एपीएल कार्ड धारकों को चावल के बदले में 75 रुपये प्रति महीने देने का प्रावधान रखा गया है।
गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के कार्ड धारकों को पिछले साल नवंबर महीने से राशन के बजाय सब्सिडी देने की योजना शुरू की थी। राज्य खाद्य योजना के तहत डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से जोड़ते हुए सब्सिडी सीधे पात्रों के खातों में देने का प्रावधान किया गया है।
नवंबर महीने से पहले इन राशन कार्ड धारकों को प्रति राशन कार्ड दस किलो चावल और पांच किलो गेहूं दिया जाता है। अब इन राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न देने के बजाय नगद सब्सिडी देने का फैसला लिया गया।
इस योजना का राशन कार्ड धारकों ने विरोध किया तो इसमें बदलाव करते हुए पूर्ववत पांच किलो गेहूं देना जारी रखा, लेकिन दस किलो चावल में ढाई किलो चावल राशन की दुकान से और साढ़े सात किलो चावल के बदले में उसकी सब्सिडी 75 रुपये खाते में देनी शुरू कर दी गई।
अब जनपद में एपीएल के एक लाख 60 हजार राशन कार्ड धारकों में से केवल 60 हजार ने अपने खाते ही विभाग को दिए हैं। ऐसे में इन 60 हजार कार्ड धारकों के बैंक खाते में ही सब्सिडी आ रही है।