चुनावों में भाजपा और कांग्रस के सिंबल पर संकट मंडरा रहा है। यही नहीं सिंबल के इस्तेमाल पर राज्य निर्वाचन आयोग रोक भी लगा सकता है। नगर निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के सिंबल के इस्तेमाल पर राज्य निर्वाचन आयोग रोक लगा सकता है। आयोग ने चार राष्ट्रीय दलों को नोटिस भेजकर यह चेतावनी दी है।
भाजपा, कांग्रेस के अलावा सीपीआई (एम) और एनसीपी भी आयोग के नोटिस की जद में हैं। इन दलों ने अपने अकाउंट की एनुअल ऑडिट रिपोर्ट और इनकम टैक्स के नोड्यूज संबंधी दस्तावेज राज्य चुनाव आयोग में जमा नहीं कराए हैं। आयोग ने दलों को 10 जनवरी 2018 तक का समय दिया है।
तय समय तक ऐसा न होने पर नगर निकाय चुनाव में संबंधित दल के उम्मीदवार को सिंबल का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुवर्धन ने चार दलों को नोटिस भेजे जाने की पुष्टि की है।
आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि ये बाध्यता है कि दल अपने लेखों की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा दल हर साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोड्यूज सर्टिफिकेट भी जमा कराने के लिए बाध्य हैं। ऐसा न करने पर संबंधित राजनीतिक दल की मान्यता/ पंजीकरण निरस्त करने का अधिकार चुनाव आयोग को है। कहा गया है कि कई बार पत्र भेजे जाने के बावजूद कांग्रेस, भाजपा, सीपीआई (एम) और एनसीपी ने संबंधित दस्तावेज जमा नहीं कराए हैं। आयोग के नोटिस कांग्रेस, भाजपा और एनसीपी के प्रदेश अध्यक्षों और सीपीआई (एम) के प्रदेश सचिव के नाम से भेजे गए हैं।
-सुवर्धन, राज्य निर्वाचन आयुक्त
हमारी पार्टी हिसाब-किताब का पूरा ध्यान करती है। जो भी औपचारिकता पूरी करनी होंगी, कर दी जाएगी।
-अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
हमें निर्वाचन आयोग ने दस जनवरी तक दस्तावेज जमा कराने के लिए कहा है। हम उचित कार्रवाई करेंगे।
-प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
हमारी पार्टी को नोटिस मिला है। जरूरी औपचारिकता पूरी कर दी जाएगी। हम निकाय चुनाव में भी भाग लेंगे।