मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राममंदिर निर्माण को लेकर यहां बुधवार को कोई नई रेखा तो नहीं खींची, मगर अयोध्या के विकास की दृढ़ता जरूर दिखाई। कहा कि रामजन्मभूमि मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण सुझाव दिया था। बहुत जल्द कोर्ट प्रतिदिन सुनवाई करने जा रही है।खुशखबरी: समायोजन रद्द पर किसी शिक्षामित्र को नहीं हटाएगी अब योगी सरकार…
बावजूद इसके जिस दिन रामजन्मभूमि का समाधान संवाद से हो गया, उस दिन भारत से दुनिया को संदेश जाएगा। आतंकवाद को गहरी चोट लगेगी। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि वृहद स्तर पर दोनों पक्ष बातचीत की पहल करें तो सरकार पूरा सहयोग देगी। मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास की प्राथमिकताएं गिनाई।
कहा कि अब अयोध्या से रामेश्वरम तक रामायण सर्किट का कायाकल्प होगा। आवश्यकता पड़ी तो रामसेतु भी बनेगा। मोदी सरकार पूरी शिद्दत से देश के सभी धर्मस्थल, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक स्थलों को स्वदेश दर्शन और प्रासाद योजना से वैभवपूर्ण करने जा रही है।
सीएम योगी बुधवार को यहां दिगंबर अखाड़ा में आयोजित श्री रामजन्मभूमि आंदोलन के नायक रहे महंत रामचंद्र दास परमहंस की 14वीं पुण्यतिथि पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
अयोध्या आना गौरव की बात
उन्होंने शुरुआत गोरक्षपीठ और दिगंबर अखाड़ा के संबंधों को गिनाते हुए की। कहा कि पूज्य संत रामचंद्र दास परमहंस को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने अयोध्या आया हूँ।
पूज्य महाराज जी रामानंदीय परंपरा दिगम्बर अखाड़ा के ही नहीं बल्कि भारत के अनेक पंथ, संप्रदाय, मतों को जोड़ने वाले संत थे। उनके निधन के 14 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। हम उनके कृतित्व-यक्तित्व के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए आज अयोध्या में एकत्र हुए हैं।
सीएम ने कहा कि गोरक्षपीठ व दिगंबर अखाड़ा का पुराना संबंध है। महंत अवैद्यनाथ व परमहंस जी का आपसी समन्वय अविस्मरणीय है। कहा कि मेरे यहां आने पर सवाल उठाया गया कि आप यहां क्यों आए?
मैं अयोध्या बार-बार आता रहा हूं और बार-बार आऊंगा। मैं रामभक्त हूं, किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अयोध्या-काशी-मथुरा जैसी प्राचीन नगरियां दुनिया को संदेश देती हैं। यहां आना हर किसी के लिए गौरव की बात है।
भारत की पहचान व प्रतीकों को उपेक्षित किया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पता नहीं क्यों भारत की पहचान प्रतीकों को उपेक्षित किया गया। आज तक अयोध्या को उसका वैभव नहीं मिला, सरकारों ने उपेक्षा की।
मगर मोदी सरकार बनने के बाद स्वदेश व प्रासाद योजना से न सिर्फ अयोध्या बल्कि रामायण सर्किट के सभी स्थल चमकेंगे। अयोध्या से रामेश्वरम तक हर स्थल का विकास होगा, उसका वैभव लौटेगा।
आवश्यकता पड़ी तो रामसेतु भी बनेगा। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने योग को दुनिया तक पहुंचाया है। हमें गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश की सरकार ने तीर्थराज प्रयाग, चित्रकूट, देवीपाटन, अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे पवित्र धार्मिक स्थलों के भौतिक विकास के लिए योजनाएं शुरू की है। जिससे दुनिया भर को संस्कृति और संस्कार का पाठ पढ़ाने वाले हमारे देश के इन धार्मिक स्थलों का सर्वांगीण विकास हो सके।
मुस्लिम बाहुल्य देशों में होती रामलीला, यहां क्यों डरते कुछ लोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि न जाने क्यों लोग भगवान राम और रामलीला से डर रहे हैं। इंडोनेशिया जैसा मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्र में रामलीला महोत्सव के रूप में मनाई जाती है। थाईलैंड में भगवान राम की मर्यादा पग-पग पर दिखती है।
ऐसे में हमारे देश में रामलीला के नाम से न जाने क्यों कुछ लोग डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश को जाति, छुआछूत व अन्य विषमताओं के आधार पर बांटने की साजिश हो रही है। ऐसे में संत समाज को आगे आना होगा।
अयोध्या-रामेश्वरम ट्रेन का शुभारंभ
अयोध्या से रामेश्वरम तक जाने वाली ट्रेन का शुभारंभ 27 जुलाई से हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को रामेश्वरम में अयोध्या-रामेश्वरम ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
सांसद लल्लू सिंह ने परमहंस की श्रद्धांजलि सभा में यह घोषणा करते हुए बताया कि यह ट्रेन 30 जुलाई को अयोध्या पहुंचेगी तथा सप्ताह में एक बार ट्रेन का संचालन होगा।