वन्य प्राणी सप्ताह के अवसर पर शनिवार को लखनऊ जू में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा विकास का मतलब सिर्फ कंक्रीट का जंगल खड़ा करना नहीं होता है।
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पर्यावरण का ध्यान रखते हुए भौतिक विकास करें। मनुष्य के विकास की प्रक्रिया को अगर अवतारों के रूप में देखें तो अवतार की श्रृंखला में सबसे पहले मत्स्य, कूर्म, बाराह आता है।
भारत के अंदर अवतारों की परंपरा को देखें तो समझ में आता है कि पर्यावरण और मनुष्य के बीच समन्वय जरूरी है। जिस क्षेत्र में प्राणी उद्यान है, वहां के छात्रों को जरूर लाना चाहिए।
जिससे बच्चे जीव जंतुओं को समझे। मनुष्य को केवल अपनी सुख-सुविधा के लिए जंगल और जीव-जंतुओं को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। प्राणी उद्यान के एलबम को सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों स्टेशनों में लगाएं। जिससे लोग यहाँ आएंगे।
कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सीएम ने कहा कि कोई भी जीव जंतु मनुष्य को नुकसान नहीं पहुंचाता जब तक उसे खुद खतरा न लगे। इस तहर के आयोजनों के जरिए हम वन्य प्राणियों के और नजदीक आएंगे।
वन विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि आपके पास अपार संभावनाएं हैं। इसका फायदा उठाते हुए प्रदेश का नाम देश और दुनिया में मजबूत करें। इस कार्यक्रम के दौरान चिड़ियाघर के अंदर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजते रहे, जिससे जानवर काफी दहशत में नजर आए। इस मौके पर सीएम ने नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर का शुभारंभ भी किया।
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