देशभर में वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी एक जुलाई से लागू हो रहा है। टैक्स और रेट को लेकर आम आदमी में लगातार चिंत बढ़ी हुई है, लेकिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने गोल्ड इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर दी है। डब्ल्यूजीसी का कहना है कि भले ही छोटे लेवल पर लोगों को घाटा हो, लेकिन अगर औसतन रूप से देखे तो भारत की गोल्ड इंडस्ट्री पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। डब्ल्यूजीसी के मुताबिक राष्ट्रव्यापी जीएसटी के साथ करों की भूलभुलैया को एक सरल रूप बदल दिया जाएगा। बारी-बारी सबने मेरा रेप किया, अंत में मेरी 8 महीने की बच्ची को फेंक दिया कि “बहुत रोती है”
यह 1990 के दशक में भारत के उदारीकरण के बाद से सबसे बड़ा राजकोषीय सुधार है। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि सोने के रिटेलर्स को थोड़ा ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है, लेकिन जीएसटी सोने की आपूर्ति श्रृंखला को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगा। साथ ही कर सुधार आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है, जो सोने की मांग का समर्थन करने की संभावना है।
डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक देश का सोना बाजार अधिक संगठित और पारदर्शी होता जा रहा है, और यह संभावना है कि जीएसटी इस प्रक्रिया को गति देगा, जो उपभोक्ताओं के लिए अच्छा होगा। उपभोक्ता खरीद रहे सोने के उत्पादों में ज्यादा विश्वास कर सकते हैं और ये आने वाले वर्षों में सोने की मांग का समर्थन कर सकते हैं।
उद्योग ने भी 3 फीसदी जीएसटी दर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है, लेकिन डर ये भी है कि जीएसटी दर शायद 5 फीसदी या उससे अधिक हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक इससे कस्टमर की मांग पर एक नेगेटिक इफेक्ट पड़ेगा, इसलिए 3 फीसदी की दर को अधिक प्रबंधनीय माना जाता है।