अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अपने नियमों में कई बदलाव किए हैं, जिसको 28 सितंबर या उसके बाद की सभी सीरीज में लागू किया जाएगा। इस नियम में पहली बार हॉकी और फुटबॉल की तरह क्रिकेट के मैदान पर भी रेड कार्ड का नियम लागू किया जा रहा है। नए नियम के लागू होते ही दक्षिण अफ्रीका और यूएई में इसी सप्ताह शुरू होने वाले टेस्ट मैचों में गलत व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को पहली बार रेड कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर कर दिया जाएगा।आखिर क्यों सानिया मिर्जा को बीच पार्टी से निकाला बाहर, कहा- अब कभी नहीं…
आईसीसी ने कहा है कि यदि कोई खिलाड़ी मैच के दौरान मैदान में अच्छा बर्ताव नहीं करता है तो उसे लेवल-4 के तहत अपराधी माना जाएगा और उसे तत्काल मैदान छोड़ना पड़ेगा। वहीं, डीआरएस नियमों मे बदलाव को लेकर आईसीसी ने कहा है कि टेस्ट में डिसिजन रिव्यु सिस्टम (डीआरएस) के लिए एक पारी के 80 ओवरों के बाद कोई टॉप-अप की समीक्षा नहीं होगी। जबकि टी -20 में अब डीआरएस की अनुमति होगी।
आईसीसी ने रन आउट को लेकर भी एक बदलाव किया गया है। इसके अनुसार अब यदि कोई बल्लेबाज पहले से पॉपिंग क्रीज में अपने बैट या बॉडी को ग्रॉउंडेड कर चुका है। मगर जब गेंद स्टंप पर लगी तब उसका बल्ला या बॉडी हवा में है तो उसे पहले आउट दिया जाता था, लेकिन अब उसे आउट करार नहीं दिया जाएगा। अब बल्लेबाज तब भी कैच, स्टंप और रन आउट हो सकता है भले ही गेंद फील्डर या विकेटकीपर के हेलमेट से लगकर आई हो।
बता दें कि क्रिकेट के नियमों में बदलाव की ये सिफारिशें साल 2016 के दिसंबर में एमसीसी ने की थीं। इसके लिए मुंबई में एक मीटिंग हुई थी। एमसीसी की वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक ब्रेयरली की अगुआई में इस मीटिंग में वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप कराने और चार दिनों के टेस्ट पर भी विचार किया गया था। मगर इस पर कोई फैसला नहीं हुआ।
इस नियम का असर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी सीमित ओवरों की सीरीज पर नहीं पड़ेगा। ये सभी नियम दो आगामी टेस्ट सीरीज में भावी होंगे जब दक्षिण अफ्रीका बांग्लादेश की मेजबानी करेगा और पाकिस्तान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में श्रीलंका से भिड़ेगा।
दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के बीच बृहस्पतिवार से दो मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होगी जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमें भी सीरीज के पहले टेस्ट मैच में इसी दिन से आमने-सामने होंगी। आईसीसी की खेल स्थितियों में अब एमसीसी लॉ ऑफ क्रिकेट से संबंधित धाराओं को शामिल किया गया है।
# बल्ले के ऐज की मोटाई 40 एमएम से अधिक नहीं
‘एमसीसी द्वारा घोषित किए गए क्रिकेट के नियमों में हुए बदलावों के परिणामस्वरूप आईसीसी के नियमों में ज्यादातर बदलाव किए गए हैं। हमने हाल में एक वर्कशॉप की है, जिसका मकसद था कि अंपायर्स को नए नियमों की पूरी जानकारी हो जाए। अब हम नए नियम अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी लेकर आ रहे हैं। बल्ले की लंबाई और चौड़ाई में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन बल्ले के ऐज की मोटाई 40 एमएम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और इसकी डेप्थ भी 67 एमएम से ज्यादा नहीं हो सकती। अंपायरों को जल्द ही बल्ले के नाप के बारे में जानकारी दे दी जाएगी, ताकि वे बल्ले की वैधता जांच सकें।’- ज्योफ एलरडाइस, आईसीसी महाप्रबंधक(क्रिकेट)
# ये हैं मुख्य बदवाल
1. नए नियमों के अनुसार अगर एलबीडब्ल्यू के लिए रेफरल ‘अंपायर्स कॉल’ के रूप में वापस आता है, तो टीमें अपना रिव्यू नहीं गंवाएंगी।
2. टेस्ट मैचों में 80 ओवर के बाद ‘टॉप-अप’ रिव्यू जुड़ने का मौजूदा नियम खत्म हो जाएगा। जबकि डीआरएस अब टी-20 में भी लागू होगा।
3. आईसीसी ने अंपायरों को हिंसा सहित दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेजने का अधिकार भी दिया है, अन्य सभी अपराध पहले की तरह आईसीसी आचार संहिता के तहत आएंगे।
4 अगर क्रीज पार करने के बाद बल्ला हवा में रहता है, तो बल्लेबाज को रन आउट नहीं दिया जाएगा। पहले हवा में बल्ला रहने पर बल्लेबाज को आउट दे दिया जाता था।
5. बल्लेबाज तब भी कैच, स्टंप और रन आउट हो सकता है, भले ही गेंद फिल्डर या विकेटकीपर द्वारा पहने गए हेलमेट से लगकर आई हो।
6. अब बाउंड्री पर हवा में कैच पकड़ने वाले फील्डर को बाउंड्री के अंदर ही रहकर कैच पकड़ना होगा, नहीं तो उसे बाउंड्री मानी जाएगी।
7. ‘हैंडल्ड द बॉल’ नियम को हटाकर उस तरीके से आउट होने वाले बल्लेबाज को ‘ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड’ नियम के तहत आउट दिया जाएगा।