टीम इंडिया से बाहर चल रहे बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि हर समय धोनी की आलोचना करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उनकी तारीफ करनी होती है तब कोई उनकी सराहना नहीं करता। लेकिन जब कभी थोड़ी भी कमी दिखाई पड़ती है तो आलोचना करने वालों की लंबी लाइन लग जाती है।
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न्यूजीलैंड के खिलाफ राजकोट टी-20 मैच में 37 गेंदों में 49 रनों की पारी खेलने वाले धोनी की इस पारी को धीमी कहकर उनकी आलोचना की गई। इसे ही हार की वजह कहा गया। वीवीएस लक्ष्मण, अजीत आगरकर ने धोनी की आलोचना की थी। सहवाग ने सलाह दी थी कि धोनी को पहले ही गेंद से आतिशी बल्लेबाजी करनी चाहिए।
टीम इंडिया से बाहर चल रहे गौतम गंभीर ने कहा कि बतौर कप्तान धोनी ने टीम इंडिया और देश को कई यादगार जीत दिलाई है। धोनी ने क्रिकेट में बहुत बेहतर किया है। बहुत से खिलाड़ियों ने उनके मुकाबले कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब टीम सबसे अच्छा कर रही हो तब कप्तानी करना आसान है। लेकिन खराब दौर में टीम को पटरी पर लाना काफी कठिन काम होता है।
धोनी ने ऐसे खराब दौर में टीम की कप्तानी कर टीम को संभाला है। गंभीर ने कोलकाता नाइट राइडर्स के साप्ताहिक टीवी शो नाइट क्लब में कहा कि धोनी को खराब दौर में लोगों के सहयोग और समर्थन की जरूरत है। गंभीर ने कहा कि धोनी की कप्तानी में क्रिकेट को उन्होंने काफी एन्जाय किया है। धोनी कप्तान बनने के बाद किसी भी कंडीशन का सामना काफी आसानी से करते थे।
गंभीर ने कहा कि सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और एमएस धोनी की कप्तानी में उन्होंने काफी क्रिकेट खेली, लेकिन सबसे ज्यादा मजा उन्हें धोनी की कप्तानी में आया। गंभीर ने कहा कि पूरे मैच के दौरान धोनी काफी शांत रहते थे। यह एक काफी अच्छी चीज है।
उल्लेखनीय है कि धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2007 का टी-20 तथा 2011 का वन डे विश्व कप जीता है। इन दोनों के फाइनल में गंभीर ने बेहतरीन पारियां खेली थी। टी-20 विश्व कप फाइनल में 75 तथा वन डे विश्व कप फाइनल में 97 रनों की पारी खेली थी।