वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), नोटबंदी तथा बैंकों के भारी मात्रा में एनपीए से अर्थव्यवस्था को लगे ‘झटकों’ के मद्देनजर निकट अवधि में देश की विकास दर के बारे में अनुमान लगाने से इनकार करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर वाईवी रेड्डी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को ‘मजबूत’ होने तथा विकास दर का उच्च आंकड़ा हासिल करने में अभी दो साल और लगेंगे।ये खाता खुलवाकर आप बन जायेंगे करोड़पति, बस करना होगा ये काम
पूर्व गवर्नर ने कहा कि फिलहाल आर्थिक विकास के बारे में अनुमान लगाना कठिन है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था कब 7.5 फीसदी या आठ फीसदी के विकास दर आंकड़े पर वापस लौटेगी, इस बारे में भविष्यवाणी करना भी बेहद कठिन है। ऐसा होने में अगले दो साल का वक्त लग सकता है।
उन्होंने कहा कि इस वक्त अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक तत्व हावी है। कुछ संतुलन होगा और कुछ लाभ हो सकता है। फिलहाल दिक्कतें हैं और फायदा बाद में होगा। फायदा कितना होगा और अंतर कितना होगा, ये मुद्दे हैं।
केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि मेरे अनुमान से अर्थव्यवस्था को मजबूत होने में दो साल लगेंगे। दो साल में हम कम से कम 7.5-8 फीसदी विकास दर के आंकड़े पर वापस लौट सकते हैं। अर्थव्यवस्था की जो दिक्कतें हैं, वे खत्म हो रही हैं, लेकिन सकारात्मक पहलू का आना अभी बाकी है और मुझे उम्मीद है कि वह आएगा।
रेड्डी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में व्यापक कमी होने का अर्थव्यवस्था पर लगभग तीन वर्षों तक सरकारात्मक असर रहा है। हालांकि नकारात्मक असर जैसे जीएसटी का कार्यान्वयन, नोटबंदी तथा बैंकों के भारी एनपीए ने विकास दर पर नकारात्मक असर डाला।