जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने डीडीए, दिल्ली सरकार और नगर निगम को हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा है कि क्या मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन का निर्णय लेने से पहले भवनों की सुरक्षा, यातायात, पार्किंग और नागरिक सुविधा संबंधी पहलुओं पर गौर किया गया था। साथ ही यह भी जानना चाहा कि क्या उनके पास 2007 से लेकर अब तक के प्रदूषण स्तर को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण का आंकड़ा है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि इतने कम दिनों में उनके लिए यह सब कर पाना संभव नहीं है। इस पर पीठ ने कहा कि जब तीन दिनों में मास्टर प्लान में बदलाव का निर्णय लिया जा सकता है तो चार दिनों में यह क्यों नहीं हो सकता।
वकील ने एक बार फिर से कहा कि इतने समय में यह संभव नहीं है। इससे नाराज पीठ ने वकील से कहा कि क्या वह उनका बयान रिकॉर्ड पर ले लें। इसके बाद वकील ने अपनी बात नहीं दोहराई।
सीलिंग का विरोध करने पर भाजपा विधायक और पार्षद को नोटिस
शाहदरा जोन में सीलिंग की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा विधायक ओपी शर्मा और पार्षद गुंजन गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए। दोनों को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का भी आदेश दिया। पीठ ने यह आदेश मॉनीटिरिंग कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद दिया।
पीठ को यह भी जानकारी दी गई कि दोनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। पीठ ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अदालती निर्देश के तहत सीलिंग की कार्रवाई हो रही है। अगर इस काम में किसी व्यक्ति ने अवरोध उत्पन्न करने की कोशिश की तो वह न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी। साथ ही पीठ ने सीलिंग की कार्रवाई करने वाली टीम को उचित पुलिस सुरक्षा देने का भी निर्देश दिया है।
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