देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सामने 5 बड़ी चुनौतियां हैं। इनसे निपटना सीएम योगी आदित्यनाथ को मुश्किल पड़ सकता है। रुकी कैलाश मानसरोवर यात्रा, चीन पर भड़का पूरा विश्व हिंदू परिषद
प्रदेश में अवैध खनन का कालाधंधा
उत्तर प्रदेश लंबे वक्त से अवैध खनन की समस्या से जूझ रहा है। राज्य के हमीरपुर, बांदा, बुंदेलखंड जैसे जिले इसके उत्पीड़न के शिकार रहे हैं। जिस किसी ने इस कालेधंधे के खिलाफ आवाज उठाई है उसकी आवाज हमेशा की लिए दबा दी गई। यहां के लोगों का कहना है यह सब पुलिस की शह पर होता है। हालांकि योगी सरकार आने के बाद पुलिस ने जो ढील पहले दे रखी थी वह अब नहीं नजर आती। पुलिस भी कड़ाई बरत रही है और डटकर अवैध खनन करने वालों को खदेड़ में लगी है। मगर जमीनी हकीकत तो ये है कि यह समस्या केवल इतने प्रयासों से नहीं निपटने वाली। तभी तो आज भी इन्हीं इलाकों से गिट्टी और मौरंग लदे ट्रक और ट्रॉली बेधड़क निकलते हैं।
यूपी में सांप्रदायिक दंगों का इतिहास
भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां कई संस्कृतियां, कई रिवाज़ और कई प्रथाएं भी है।. एक कहावत है कि एक कोस पर लोगों की बोली बदल जाती, रिवाज़ बदल जाता है। इतनी विविधताओं के बावजूद भी हम एक हैं। लेकिन देश में कई बार ऐसे मौके आए हैं जब हमारी एकता पर किसी ने बुरी नज़र लगाने की कोशिश की है और वे अपने मक़सद में सफ़ल भी हो गए हैं। आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद देश में कई दर्दनाक दंगे हुए जिनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में ही दंगे भड़के हैं। योगी सरकार के सामने इस बड़ी समस्या से निपटना अग्निपरीक्षा देने के बराबर होगा। यह इसलिए कहा जहा रहा क्योंकि सीएम बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की छवी एक कट्टर हिंदूवादी नेता की रही है। उनके अपने ख़िलाफ़ जो आपराधिक मामले हैं, उनका क्या होगा? योगी और उनकी हिंदू युवा वाहिनी के ख़िलाफ़ राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के कई मामले हैं। योगी आदित्यनाथ पर गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 2007 में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा। उन पर 12 ज़िलों में दंगे भड़काने का आरोप लगा। मगर अब एक दशक होने जा रहा है। मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। वहीं प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद अब तक कई छिटपुट घटनाओं के अलावा सहारनपुर जैसा बड़ा दंगा भी सामने आ चुका है। यह योगी सरकार की विफलता को दर्शाता है।
महिला सुरक्षा और बेरोजगारी की समस्या
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में कानून-व्यवस्था ठीक होने के चाहे जितने दावे कर लें, लेकिन स्थितियां बता रही हैं कि सब कुछ सही चलाना मुश्किल है। यहां के लगभग हर जिले में प्रतिदिन कोई न कोई महिला अत्याचार की सूचनायें जरूर सामने आती हैं।