अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा अद्धसैनिक बलों की 200 कंपनियां तैनात की जाएंगी। इनमें से 166 कंपनियां केंद्र सरकार की ओर से भेजी जा रही हैं। एक कंपनी में 135 सुरक्षा कर्मी होते हैं। इसके साथ केंद्रीय सुरक्षा बल जम्मू कश्मीर में तैनात बटालियनों से भी कुछ कंपनियों को यात्रा ड्यूटी पर भेजेगा।
28 जून से शुरू हो रही यात्रा के सिक्योरिटी प्लान के तहत राज्य सरकार ने केंद्र से 22 हजार 400 अतिरक्त सुरक्षाकर्मी मांगे थे। केंद्र सरकार ने भी इसे मंजूर करते हुए अतिरक्त सुरक्षाकर्मियों को जम्मू कश्मीर भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। सीमा पार से हालात बिगाड़ने की साजिश को देखते हुए राज्य सरकार यात्रा की सुरक्षा को गंभीरता से ले रही है।
रमजान में संघर्ष विराम के दौरान कश्मीर में आतंकी हमलों में तेजी आई है। ऐसे हालात में जम्मू कश्मीर पुलिस ने यात्रा की सुरक्षा को लेकर 225 अतिरिक्त कंपनियों की जरूरत बताई थी, जिनमें महिला बटालियनें भी शामिल हैं। बेहतर समन्वय से अमरनाथ यात्रा की तीन चक्र सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। करीब चालीस हजार सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। पहले चक्र में जम्मू कश्मीर पुलिस व दूसरे चक्र में सुरक्षा बल तैनात रहेंगे। तीसरे चक्र में सेना यात्रा मार्ग से सटे इलाकों के साथ बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के आसपास की पहाडि़यों पर तैनात रहेगी।
बुलाई जा सकती हैं और भी कंपनियां
ईद के बाद अमरनाथ यात्रा को कामयाब बनाने के लिए राज्य सरकार की बैठकें शुरू हो जाएंगी। सुरक्षा को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले ही श्रीनगर में एकीकृत मुख्यालय की बैठक कर चुके हैं। जम्मू व श्रीनगर में यात्रा को लेकर सेना, सुरक्षा बलों, नागरिक प्रशासन की कोर ग्रुप की बैठकें भी होंगी। हालात को देखते हुए और कंपनियां भी बुलाई जा सकती हैं।
केंद्र के संपर्क में है राज्य सरकार
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता का कहना है कि हम अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रति गंभीर हैं। इस संबंध में हम केंद्र सरकार से भी लगातार संपर्क में हैं। केंद्र की ओर से 22 हजार 400 सुरक्षा कर्मी भेजे जा रहे हैं। राज्य सरकार भी अपनी ओर से पूरा बंदोबस्त करेगी। सीसीटीवी कैमरे, डाग स्क्वायड के साथ सेना, सुरक्षा बलों की क्विक रिएक्शन टीमें व माउंटेन रेस्क्यू टीमें यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।